India News (इंडिया न्यूज), Bloody Piles Solution: बवासीर का मुख्य कारण कब्ज है। अधिक मसाले खाने और बाहर का खाना खाने से पेट में कब्ज हो जाती है, जिसके कारण मल अधिक सूखा और कठोर हो जाता है। इससे शौच करते समय अधिक दबाव पड़ता है और बवासीर हो जाती है। यह कई प्रकार की होती है, जिनमें से दो मुख्य हैं खूनी बवासीर और गूदा बवासीर। अगर मल के साथ बूंद-बूंद करके खून निकले तो उसे खूनी बवासीर कहते हैं। अगर गुदा पर या उसमें मटर या अंगूर के दाने जैसी सूजन हो और मल के साथ खून न निकले तो उसे गूदा बवासीर कहते हैं।

इस में गुदा पर मस्से निकल आते हैं और उनमें सूजन और जलन होने पर रोगी को अधिक दर्द होता है। बैठते या खड़े होने पर रोगी को मस्सों में तेज दर्द होता है। बवासीर के इलाज में देरी होने पर मस्से पककर फूट जाते हैं और उनमें से खून, मवाद आदि निकलने लगता है।

बवासीर या के कारण

यो रोग कब्ज के कारण होता है। जब कोई व्यक्ति अधिक तेल और मिर्च-मसालों से बने मसालेदार खाद्य पदार्थों का सेवन करता है, तो उसका पाचन खराब हो जाता है। पाचन खराब होने के कारण पेट में कब्ज हो जाती है, जिससे पेट में सूखापन आ जाता है और मल अधिक सूखा हो जाता है। जब मल बहुत कठोर हो जाता है, तो शौच करते समय अधिक बल लगाना पड़ता है। अधिक बल लगाने से गुदा के अंदर की त्वचा छिल जाती है। जिसके कारण गुदा के अंदर घाव या मस्से बन जाते हैं और खून बहने लगता है। बवासीर (बवासीर) में खान-पान में लापरवाही और इलाज में देरी के कारण यह अधिक फैलता है।

क्या हैं बवासीर के लक्षण

इसके होने पर गुदा के बाहर मस्से निकल आते हैं। मल के साथ मस्से से पतली रेखा के रूप में खून निकलता है। इस रोग के लक्षण चलने में दिक्कत, लड़खड़ाना, आंखों के सामने अंधेरा छाना और चक्कर आना हैं। इस रोग के कारण स्मरण शक्ति कम होने लगती है।

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चमत्कारी घरेलू उपचार

हरसिंगार: 2 ग्राम हरसिंगार के फूलों को रात को 30 ग्राम पानी में भिगो दें। सुबह फूलों को पानी में मसलकर छान लें और 1 चम्मच चीनी मिलाकर खाली पेट खा लें। इसे 1 सप्ताह तक रोजाना खाने से बवासीर ठीक हो जाती है। या 10 ग्राम हरसिंगार (बिना छिलके वाले) के बीज और 3 ग्राम काली मिर्च को पीसकर चने के आकार की गोलियां बनाकर खाएं। सुबह-शाम 1-1 गोली गुनगुने पानी के साथ खाने से बवासीर ठीक हो जाती है। या हरसिंगार के बीजों को छील लें। 10 ग्राम बीजों में 3 ग्राम काली मिर्च मिलाकर पीस लें और गुदा पर लेप करने से बादी बवासीर ठीक हो जाती है।

कपूर: 10-10 ग्राम कपूर, रसौत, चाकसू और नीम के फूल लेकर पीसकर चूर्ण बना लें। मूली को लंबाई में काटकर उसमें सारा चूर्ण भर लें। मूली को कपड़े में लपेटकर उस पर मिट्टी लगाकर आग पर भून लें। भूनने के बाद मूली से मिट्टी और कपड़ा हटाकर पत्थर पर पीसकर मटर के दाने के बराबर गोलियां बना लें। 1 गोली रोज सुबह खाली पेट पानी के साथ लेने से 1 सप्ताह में ही बवासीर ठीक हो जाती है।

गोभी: जंगली गोभी के पत्तों को पीसकर उसका रस निकाल लें और बवासीर पर दिन में तीन से चार बार लगाएं। इसे लगाने से एक सप्ताह में ही बवासीर ठीक हो जाती है।

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