India News (इंडिया न्यूज), Problem of Urinary Hesitancy: शरीर में किसी भी तरह की बीमारी पनपने से पहले उसके संकेत मिलने लगते हैं, लेकिन कई बार लोग इन संकेतों पर ध्यान नहीं देते हैं। इन्हीं संकेतों में से एक है पेशाब का रुक-रुक कर आना। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, इस समस्या को मेडिकल भाषा में “Urinary Hesitancy” कहा जाता है। यह समस्या किसी को भी हो सकती है, लेकिन इसे नजरअंदाज करना गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है।
पेशाब का रुक-रुक कर आना क्यों होता है?
Urinary Hesitancy आमतौर पर मूत्रमार्ग में रुकावट या मूत्राशय की मांसपेशियों की कमजोरी के कारण होती है। यह समस्या पुरुषों और महिलाओं दोनों में पाई जाती है, लेकिन इसके कारण अलग-अलग हो सकते हैं।
पुरुषों में कारण:
- बढ़ी हुई प्रोस्टेट ग्रंथि (Benign Prostatic Hyperplasia – BPH): बढ़ी हुई प्रोस्टेट ग्रंथि मूत्रमार्ग पर दबाव डालती है, जिससे पेशाब रुक-रुक कर आता है।
- प्रोस्टेटाइटिस: प्रोस्टेट ग्रंथि में सूजन होने से मूत्र त्याग में कठिनाई हो सकती है।
- मूत्रमार्ग में संक्रमण (UTI): संक्रमण के कारण जलन और पेशाब रुक-रुक कर आने की समस्या हो सकती है।
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महिलाओं में कारण:
- यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI): महिलाओं में यह समस्या अधिक देखी जाती है, जिससे पेशाब करने में जलन और बार-बार पेशाब आने की समस्या हो सकती है।
- न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर: तंत्रिका तंत्र से जुड़ी समस्याएं भी मूत्रत्याग में बाधा उत्पन्न कर सकती हैं।
- हार्मोनल बदलाव: मेनोपॉज या अन्य हार्मोनल परिवर्तनों के कारण पेशाब से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
अन्य संभावित कारण:
- गुर्दे या मूत्राशय में पथरी: पथरी मूत्रमार्ग में रुकावट पैदा कर सकती है, जिससे पेशाब करने में दिक्कत होती है।
- डायबिटीज: मधुमेह के कारण मूत्राशय की नसों पर असर पड़ सकता है, जिससे पेशाब करने में कठिनाई हो सकती है।
- ओवरएक्टिव ब्लैडर सिंड्रोम: इस स्थिति में मूत्राशय बार-बार संकुचित होता है, जिससे पेशाब रुक-रुक कर आता है।
क्या करें इस समस्या से बचाव के लिए?
अगर आपको पेशाब रुक-रुक कर आने की समस्या हो रही है, तो इसे हल्के में न लें। कुछ घरेलू उपाय और जीवनशैली में बदलाव से इस समस्या से राहत पाई जा सकती है:
1. भरपूर मात्रा में पानी पिएं
पर्याप्त पानी पीने से शरीर हाइड्रेटेड रहता है और मूत्रमार्ग में संक्रमण की संभावना कम होती है।
2. मसालेदार भोजन से बचें
बहुत अधिक तीखा और मसालेदार खाना खाने से मूत्राशय में जलन हो सकती है, जिससे पेशाब की समस्या बढ़ सकती है।
3. साफ-सफाई का विशेष ध्यान दें
यूरिनरी इंफेक्शन से बचने के लिए पर्सनल हाइजीन का ध्यान रखना जरूरी है।
4. नियमित व्यायाम करें
शरीर को फिट और एक्टिव रखने के लिए व्यायाम करें। इससे प्रोस्टेट और मूत्राशय की मांसपेशियां मजबूत बनी रहती हैं।
5. संतुलित आहार लें
हरी सब्जियां, फलों और साबुत अनाज का सेवन करें। साथ ही प्रोसेस्ड फूड और शुगर वाले पदार्थों से बचें।
कब करें डॉक्टर से संपर्क?
अगर निम्नलिखित लक्षण महसूस हों, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें:
- पेशाब में खून आना
- पेशाब करते समय तेज दर्द होना
- पेशाब करने में अत्यधिक कठिनाई
- बार-बार पेशाब की जरूरत महसूस होना लेकिन मात्रा बहुत कम होना
- पेट के निचले हिस्से में लगातार दर्द रहना
पेशाब का रुक-रुक कर आना एक आम समस्या हो सकती है, लेकिन इसे नजरअंदाज करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। सही समय पर डॉक्टर से परामर्श लेना और जीवनशैली में सुधार करना इस समस्या से बचाव में मदद कर सकता है। यदि समस्या लंबे समय तक बनी रहती है, तो तुरंत विशेषज्ञ की राय लें और उचित इलाज करवाएं।
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