Kapalbhati ke fayade  इस समय जो लोग अभी भी वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं उनके लिए इन आसनों को रूटीन में शामिल करना जरूरी है। योग स्‍वास्‍थ्‍य को बेहतर बनाए रखते हैं। वहीं इम्युनिटी को बेहतर बनाए रखने में भी योग की महत्वपूर्ण भूमिका है। इन आसन के जरिए स्वास्‍थ्‍य ठीक रहता है और तनाव से भी मुक्ति मिलती है।

योगाभ्यास करने से शरीर के सभी अंगों में ऑक्सीजन का फ्लो सही रहता है, ब्लड सर्कुलेशन सही तरीके से होता है। इन आसनों के जरिये शरीर लचीला बना रहता है और हाथों, पैरों में मजबूती आती है। योगाभ्‍यास करते समय इस बात का ध्‍यान रखें कि इन्‍हें धीरे-धीरे करना चाहिए।

(Kapalbhati ke fayade)

व्‍यायाम से पहले ये तीन नियम जरूर ध्‍यान रखें कि अच्‍छा गहरा लंबा श्‍वास लें, गति का पालन करें और अपनी क्षमता के अनुसार ही योग करें।

कपालभाति (Kapalbhati ke fayade )

कपालभाति बहुत ऊर्जावान उच्च उदर श्वास व्यायाम है। कपाल अर्थात मस्तिष्क और भाति यानी स्वच्छता अर्थात ‘कपालभाति’ वह प्राणायाम है जिससे मस्तिष्क स्वच्छ होता है और इस स्थिति में मस्तिष्क की कार्यप्रणाली सुचारु रूप से संचालित होती है। वैसे इस प्राणायाम के अन्य लाभ भी हैं।

लीवर किडनी और गैस की समस्या के लिए बहुत लाभ कारी है। कपालभाति प्राणायाम करने के लिए रीढ़ को सीधा रखते हुए किसी भी ध्यानात्मक आसन, सुखासन या फिर कुर्सी पर बैठें। इसके बाद तेजी से नाक के दोनों छिद्रों से सांस को यथासंभव बाहर फेंकें। साथ ही पेट को भी यथासंभव अंदर की ओर संकुचित करें।

इसके तुरंत बाद नाक के दोनों छिद्रों से सांस को अंदर खीचतें हैं और पेट को यथासम्भव बाहर आने देते हैं। इस क्रिया को शक्ति व आवश्यकतानुसार 50 बार से धीरे-धीरे बढ़ाते हुए 500 बार तक कर सकते हैं लेकिन एक क्रम में 50 बार से अधिक न करें। क्रम धीरे-धीरे बढ़ाएं। इसे कम से कम 5 मिनट और अधिकतम 30 मिनट तक कर सकते हैं।

कपालभाति के फायदे (Kapalbhati ke fayade )

ब्लड सर्कुलेशन अच्छा होता है। सांस संबंधी बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है। विशेष रूप से अस्थमा के पेशेंट्स को खास लाभ होता है। महिलाओं के लिए बहुत लाभकारी। पेट की चर्बी को कम करता है। पेट संबंधी रोगों और कब्ज की परेशानी दूर होती है। रात को नींद अच्छी आती है।

ये लोग कपालभाति न करें (Kapalbhati ke fayade )

प्रेग्नेंट महिलाओं को इसे करने से बचना चाहिए। जिनकी कोई सर्जरी हुई हो वह इसे न करें। गैसट्रिक और एसिटिडी वाले पेशेंट्स इसे धीरे-धीरे करने की कोशिश करें। पीरियड्स में बिल्कुल न करें। हाई बीपी और हार्ट संबंधी रोगों के पैशेंट्स इसे करने से बचें।

(Kapalbhati ke fayade)

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