India News (इंडिया न्यूज), Reasons For Increased Triglycerides In The Body: आज की व्यस्त जीवनशैली और अस्वास्थ्यकर खानपान के चलते हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। अधिकतर लोग कोलेस्ट्रॉल के दुष्प्रभावों के बारे में जानते हैं, लेकिन ट्राइग्लिसराइड्स भी दिल की सेहत के लिए उतना ही खतरनाक साबित हो सकता है। ट्राइग्लिसराइड्स और बैड कोलेस्ट्रॉल, दोनों ही रक्त में मौजूद वसा के प्रकार हैं, जो दिल के दौरे और स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकते हैं। आइए, समझते हैं कि ट्राइग्लिसराइड्स क्या है, इसके बढ़ने के कारण, और इसे नियंत्रित करने के उपाय।

क्या है ट्राइग्लिसराइड्स?

ट्राइग्लिसराइड्स एक प्रकार का वसा है, जो रक्त में पाया जाता है। जब हम भोजन करते हैं, तो अतिरिक्त कैलोरी को ट्राइग्लिसराइड्स में बदलकर शरीर वसा कोशिकाओं में संग्रहित कर लेता है। यह ऊर्जा का प्रमुख स्रोत होता है, लेकिन जब इसका स्तर अधिक हो जाता है, तो यह दिल के लिए खतरनाक हो सकता है।

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ट्राइग्लिसराइड्स के बढ़ने के कारण

  1. अत्यधिक कैलोरी युक्त आहार: वसा और शर्करा से भरपूर भोजन, जैसे जंक फूड और मीठे पेय, ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को बढ़ाने का प्रमुख कारण हैं।
  2. शराब का सेवन: अधिक मात्रा में शराब पीने से भी ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर तेजी से बढ़ता है।
  3. जीवनशैली: शारीरिक गतिविधियों की कमी और मोटापा इसका बड़ा कारण हैं।
  4. चिकित्सीय स्थितियां: मधुमेह, थायरॉयड विकार और किडनी संबंधी समस्याएं भी इसके बढ़ने में योगदान करती हैं।
  5. आनुवंशिकता: फैमिलियल हाइपरट्राइग्लिसराइडेमिया जैसी स्थितियों में ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर जन्मजात रूप से अधिक होता है।

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सामान्य ट्राइग्लिसराइड्स स्तर

रक्त में ट्राइग्लिसराइड्स का सामान्य स्तर 150 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर से कम होना चाहिए।

  • 150-200 मिलीग्राम/डेसीलीटर: बॉर्डरलाइन स्तर।
  • 200-500 मिलीग्राम/डेसीलीटर: उच्च स्तर।
  • 500 मिलीग्राम/डेसीलीटर से अधिक: बहुत उच्च स्तर।

500 मिलीग्राम से अधिक होने पर दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाता है।

ट्राइग्लिसराइड्स के बढ़ने से होने वाले खतरे

ट्राइग्लिसराइड्स का उच्च स्तर दिल की धमनियों में वसा जमा होने की प्रक्रिया (एथेरोस्क्लेरोसिस) को तेज करता है। इससे रक्त प्रवाह बाधित होता है, जो दिल का दौरा, स्ट्रोक और अन्य हृदय रोगों का प्रमुख कारण बनता है। इसके अतिरिक्त, यह उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी अन्य स्थितियों को भी बढ़ावा देता है।

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ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने के उपाय

  1. संतुलित आहार:
    • हरी सब्जियां, फल, साबुत अनाज, और उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन का सेवन बढ़ाएं।
    • तली-भुनी चीजों और शक्करयुक्त पेयों से बचें।
    • मछली, विशेष रूप से ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त मछलियां, जैसे सैल्मन और मैकेरल, लाभकारी हो सकती हैं।
  2. शारीरिक गतिविधि:
    • सप्ताह में कम से कम 150 मिनट की मध्यम स्तर की व्यायाम करें। तेज चलना, साइक्लिंग, या तैराकी जैसे व्यायाम बेहद लाभकारी हैं।
  3. वजन नियंत्रित करें:
    • शरीर के वजन में 5-10% की कमी करने से ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर काफी हद तक घटाया जा सकता है।
  4. शराब का सेवन सीमित करें:
    • शराब के सेवन को कम करना या पूरी तरह छोड़ देना फायदेमंद है।
  5. चिकित्सकीय परामर्श:
    • यदि जीवनशैली में बदलाव के बावजूद ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर सामान्य नहीं होता, तो डॉक्टर की सलाह से दवाइयों का उपयोग करें।

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नियमित जांच है जरूरी

ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को नियंत्रित रखने के लिए समय-समय पर रक्त परीक्षण कराना आवश्यक है। सही खानपान, सक्रिय जीवनशैली और चिकित्सकीय परामर्श के जरिए इसे नियंत्रित किया जा सकता है। यदि किसी को ट्राइग्लिसराइड्स के बढ़ने के लक्षण महसूस हों, जैसे अत्यधिक थकान, सीने में दर्द या सांस लेने में तकलीफ, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

दिल की सेहत का ख्याल रखना हर व्यक्ति की प्राथमिकता होनी चाहिए। ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर संतुलित रखने के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाना और समय पर जांच कराना बेहद जरूरी है। याद रखें, एक छोटा सा बदलाव आपकी जीवनशैली को सुधार सकता है और आपके दिल को लंबे समय तक स्वस्थ रख सकता है।

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