India News (इंडिया न्यूज), Mental Health Issues: आज की व्यस्त जिंदगी और बदलती जीवनशैली का सबसे बड़ा असर हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। छोटी-छोटी बातें कभी चिंता तो कभी अवसाद का कारण बन जाती हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि मानसिक स्वास्थ्य को नजरअंदाज करना आपके जीवन पर गहरा असर डाल सकता है। कई बार लोग सामाजिक दबाव या कलंक के डर से अपनी समस्या किसी को खुलकर नहीं बताते। नतीजा यह होता है कि बीमारी का समय पर पता नहीं चल पाता और हालत बिगड़ने लगती है।
सोशल मीडिया की बढ़ती लत
आजकल बच्चे हों या बड़े, हर कोई दिन का एक बड़ा हिस्सा सोशल मीडिया और मोबाइल स्क्रीन पर बिताता है। घंटों रील देखते हुए हमें पता ही नहीं चलता कि कब समय बीत गया। विशेषज्ञों का कहना है कि सोशल मीडिया पर जरूरत से ज्यादा समय बिताने से हमारे दिमाग पर नकारात्मक असर पड़ता है। हाल ही में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस ने ‘ब्रेन रोट’ शब्द को 2024 का वर्ड ऑफ द ईयर घोषित किया है। इस शब्द का इस्तेमाल सोशल मीडिया पर घटिया कंटेंट के कारण दिमाग पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को समझाने के लिए किया गया है।
नकारात्मक सोच से बचें
“मैं यह नहीं कर सकता”, “मैं अच्छा नहीं हूँ” जैसी नकारात्मक सोच मानसिक स्वास्थ्य को बहुत नुकसान पहुँचाती है। ऐसी आदतें आत्मविश्वास को कम करती हैं और अवसाद या चिंता का कारण बनती हैं। खुद को दोष देने और बार-बार नकारात्मक विचार सोचने से बचें। अपनी सोच को सकारात्मक बनाएँ। जब भी कोई नकारात्मक विचार आए, तो उसे अच्छे विचारों से बदलने की कोशिश करें।
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नींद का ध्यान रखें
नींद की कमी आपके मस्तिष्क की काम करने की क्षमता को धीमा कर सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार, हर दिन 7-9 घंटे की अच्छी नींद लेना बहुत ज़रूरी है। पर्याप्त नींद न लेने से तनाव, चिंता और अवसाद जैसी समस्याएँ बढ़ सकती हैं। सोने और उठने का एक नियमित समय तय करें और सोने से पहले मोबाइल या लैपटॉप का इस्तेमाल बंद कर दें।
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