India News (इंडिया न्यूज़), Monk Fruit Benefits For Diabetes: डायबिटीज के मरीजों को अपनी डाइट का खास ख्याल रखने की सलाह दी जाती हैं। खासकर, उन्हें डाइट में जितना हो सके कम मीठा शामिल करने की सलाह देते है, ताकि शुगर लेवल कंट्रोल में रहे। इसी वजह से शुगर के मरीज कई तरह के फलों का सेवन करने से बचते हैं, लेकिन एक फल ऐसा है, जिसे डायबिटीज के मरीज बिना झिझक खा सकते हैं, क्योंकि ये लो शुगर वाला फल है। इस फल का नाम है मोंक फ्रूट (Monk Fruit)।

जी हां, मोंक फ्रूट एक ऐसा फल है, जो चीनी से भी ज्यादा मीठा होता है। इसके बावजूद शुगर के मरीज इसका सेवन कर सकते हैं। बता दें कि इसमें कई तरह के पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर को अन्य फायदे भी पहुंचाते हैं। मोंक फ्रूट की उत्पत्ति मुख्य रूप से चीन में हुई थी, लेकिन अब इसका उत्पादन भारत में भी होने लगा है। बेहद मीठा होने के बावजूद ये फल शुगर फ्री होता है।

डायबिटीज रोगियों के लिए मोंक फ्रूट के फायदे

एक रिपोर्ट के अनुसार, मोंक फ्रूट एक छोटा, गोल और हरा फल है, जो मूल रूप से दक्षिणी चीन का है। इसका उपयोग पारंपरिक चीनी चिकित्सा के चिकित्सकों द्वारा सदियों से किया जाता रहा है। हाल के दिनों में, यह एक बेहतरीन स्वीटनर के रूप में भी उभरा है। दरअसल, मोंक फ्रूट में मोग्रोसाइड्स नामक यौगिक होता है, जो इसे प्राकृतिक मिठास देता है। यह फल मधुमेह रोगियों के लिए टेबल शुगर का एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। मधुमेह में अक्सर कुछ खाद्य पदार्थ, सब्जियां, फल खाने की सलाह दी जाती है, जो प्राकृतिक रूप से मीठे होते हैं।

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ऐसे में मधुमेह के रोगी मोंक फ्रूट का सेवन कर सकते हैं, क्योंकि यह फल अपने अनोखे मीठे स्वाद के लिए भी जाना जाता है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने मोंक फ्रूट को सभी के लिए सुरक्षित घोषित किया है। यह गर्भवती महिलाओं से लेकर बच्चों तक सभी के लिए फायदेमंद है। भोजन और पेय पदार्थों में भी इसके उपयोग की अनुमति है।

यह फल मधुमेह रोगियों के लिए चीनी का एक बेहतरीन प्राकृतिक विकल्प है, क्योंकि यह रक्त शर्करा के स्तर को नहीं बढ़ाता है। इस फल को सुखाने के बाद, इसके अर्क का उपयोग मोंक फ्रूट स्वीटनर बनाने के लिए किया जाता है, जो टेबल शुगर/सुक्रोज से 250 गुना अधिक मीठा होता है। आप इसे चीनी के बेहतरीन विकल्प के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें शून्य कैलोरी और बिल्कुल भी कार्बोहाइड्रेट नहीं होता है।

मोंक फ्रूट स्वीटनर में जीरो ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जो मधुमेह रोगियों के लिए सेहतमंद है। यह स्वीटनर कैविटी का कारण नहीं बनता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी यौगिक और एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं। किसी भी खाद्य पदार्थ को मीठा करने के लिए इसकी बस एक चुटकी ही काफी है। इसके सेवन से स्वास्थ्य को कोई नुकसान नहीं होता है। मोंक फ्रूट स्वीटनर शरीर द्वारा अवशोषित नहीं होता है। यह बिना रूपांतरित हुए ही बाहर निकल जाता है। जब मधुमेह रोगी मोंक फ्रूट स्वीटनर का सेवन करता है, तो इसमें मौजूद मोग्रोसाइड्स को आंतों के रोगाणु प्रीबायोटिक्स के रूप में इस्तेमाल कर लेते हैं और बाकी मूत्र के माध्यम से बाहर निकल जाता है।

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कैंसर जैसी बीमारी के लिए भी है बेहद फायदेमंद

मोंक फ्रूट में मौजूद यौगिक मोग्रोसाइड्स रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसका अर्क मधुमेह की जटिलताओं को कम करने में भी कारगर साबित हो सकता है। मोंक फ्रूट कई तरह के संक्रमणों से बचाता है। इसमें एंटीबायोटिक और कैंसर रोधी गुण भी होते हैं। अध्ययनों में पाया गया है कि इसका अर्क कोलोरेक्टल और गले के कैंसर के विकास को रोक सकता है। यह कैंडिडा के जोखिम को भी कम कर सकता है।

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मोग्रोसाइड्स मुक्त कणों से होने वाले डीएनए क्षति की संभावना को भी कम करता है। इसमें सूजन रोधी गुण भी होते हैं। यह सूजन को रोकता है। चूंकि इसमें कैलोरी, वसा और कार्बोहाइड्रेट नहीं होते हैं, इसलिए वजन कम करने वाले लोग इसे अपने आहार में शामिल कर सकते हैं। आप चीनी की जगह चाय, कॉफी, नाश्ते में मोंक फ्रूट स्वीटनर का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे कैलोरी की मात्रा कम होगी।

 

Disclaimer: इंडिया न्यूज़ इस लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए बता रहा हैं। इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।