India News (इंडिया न्यूज), Navjot Singh Sidhu: भारत के पूर्व क्रिकेटर और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने हाल ही में एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि उनकी पत्नी, नवजोत कौर सिद्धू, को चिकित्सकीय रूप से कैंसर मुक्त घोषित कर दिया गया है। उन्होंने भावुक होकर कहा कि उनकी पत्नी ने यह जीत सिर्फ चिकित्सा उपचार से ही नहीं, बल्कि आयुर्वेदिक उपायों और अनुशासित जीवनशैली की मदद से भी हासिल की है।

कैंसर से जंग जीतने के लिए किए गए बदलाव

सिद्धू ने बताया कि नवजोत कौर की रिकवरी में आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा की महत्वपूर्ण भूमिका रही। उन्होंने निम्नलिखित उपायों को अपनी दिनचर्या में शामिल किया:

1. आहार में विशेष बदलाव:

नींबू पानी, कच्ची हल्दी, एप्पल साइडर विनेगर, नीम के पत्ते, और तुलसी का नियमित सेवन।

कद्दू, अनार, आंवला, चुकंदर, और अखरोट जैसे खट्टे फल और जूस।

खाना पकाने के लिए नारियल तेल, कोल्ड-प्रेस्ड तेल, और बादाम तेल का उपयोग।

सुबह की चाय में दालचीनी, लौंग, गुड़, और इलायची जैसे मसालों का इस्तेमाल।

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2. इंटरमिटेंट फास्टिंग:

शाम 6 बजे तक भोजन करना और अगले दिन की शुरुआत सुबह 10 बजे नींबू पानी से करना।

शुगर और कार्बोहाइड्रेट का सेवन पूरी तरह बंद कर दिया गया।

विशेषज्ञों की राय

आयुर्वेदिक विशेषज्ञ डॉ. सतीश अग्रवाल ने कहा कि कई शोधों में आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों और प्राकृतिक तत्वों में एंटी-कैंसर और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए गए हैं, जो कैंसर से बचाव में सहायक हो सकते हैं।

ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. रेणु दुबे ने इस विषय को शोध का क्षेत्र बताते हुए कहा कि कैंसर मरीजों को एलोपैथिक इलाज के साथ किसी भी आयुर्वेदिक उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। कुछ चीजें दवाओं के साथ रिएक्शन कर सकती हैं।

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कैंसर के खिलाफ आयुर्वेद की ताकत

सिद्धू ने दावा किया कि आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा ने उनकी पत्नी को नई जिंदगी दी है। आयुर्वेदिक उपचारों और सही जीवनशैली को अपनाने से कैंसर कोशिकाओं को नियंत्रित करने में मदद मिली।

ब्रेस्ट कैंसर का बढ़ता खतरा

  • स्तन कैंसर दुनियाभर में तेजी से बढ़ रहा है। 30 साल से कम उम्र की महिलाएं भी इसकी चपेट में आ रही हैं।
  • 2022 में 23 लाख नए मामले सामने आए।
  • 6.7 लाख मौतें ब्रेस्ट कैंसर से हुईं।

कारण:

  • गलत जीवनशैली
  • आहार में असंतुलन
  • पर्यावरणीय कारक

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नवजोत कौर सिद्धू की इस जंग से यह संदेश मिलता है कि आयुर्वेदिक उपाय, संतुलित आहार, और अनुशासित जीवनशैली कैंसर से लड़ाई में सहायक हो सकते हैं। हालांकि, एलोपैथिक उपचार के साथ इन उपायों को अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना बेहद जरूरी है।