India News (इंडिया न्यूज),Paralysis Attack: बिगड़ती जीवनशैली, खान-पान की खराब आदतें और तनाव के कारण आप जाने-अनजाने बीमारियों का शिकार हो जाते हैं। लकवा एक ऐसी बीमारी है जो अचानक होती है। लकवा तब होता है जब मस्तिष्क के किसी हिस्से में रक्त संचार अचानक बंद हो जाता है या मस्तिष्क की कोई रक्त वाहिका फट जाती है। जब रक्त वाहिका फट जाती है, तो मस्तिष्क की कोशिकाओं के आसपास की जगह खून से भर जाती है। लकवा आमतौर पर कुछ कारणों से होता है जैसे ब्रेन हेमरेज, रक्त वाहिका में रुकावट के कारण भी लकवा होता है। स्ट्रोक, सिर में चोट, रीढ़ की हड्डी में चोट और मल्टीपल स्केलेरोसिस के कारण भी यह बीमारी हो सकती है।
शरीर में विटामिन बी-12 और बी कॉम्प्लेक्स की कमी के कारण लकवा होता है। यह बीमारी जीवनशैली में बदलाव के कारण होती है। अगर समय रहते इस बीमारी के लक्षणों की पहचान कर ली जाए तो इसका तुरंत इलाज किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि क्या खान-पान के जरिए लकवा ठीक किया जा सकता है?
लकवा के शुरुआती लक्षण
लकवा को बहुत आसानी से पहचाना जा सकता है। शरीर के एक हिस्से में अचानक कमजोरी, मुंह टेढ़ा होना, किसी बात को समझने या बोलने में उलझन, बिना किसी कारण के सिर दर्द होना इस बीमारी के शुरुआती लक्षण हैं। अगर इस बीमारी के लक्षणों की पहचान हो जाए तो इस बीमारी से काफी हद तक निजात पाई जा सकती है।
लकवा ठीक हो सकता है
लकवा के लक्षण दिखने के बाद दो से तीन दिन में मरीज की हालत में सुधार होने लगता है। करीब छह महीने में मरीज की रिकवरी तेजी से होती है और एक से डेढ़ साल में इस बीमारी से पूरी तरह निजात मिल सकती है। अगर डेढ़ साल में इस बीमारी से रिकवरी नहीं होती है तो उसके बाद ठीक होना मुश्किल होता है।
पोटैशियम से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें: लकवा के मरीजों को अपनी डाइट में पोटैशियम से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। डाइट में फल, सब्जियां और दूध से बने उत्पादों का सेवन करें। केला, खुबानी, संतरा, सेब जैसे कई फलों का सेवन करें। सब्जियों में आलू, शकरकंद, पालक, टमाटर पोटेशियम से भरपूर होते हैं, इनका सेवन करें।
आहार में फाइबर का सेवन करें
जिन लोगों को लकवा है, उन्हें अपने आहार में फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। आहार में फाइबर का सेवन करने से वजन नियंत्रित रहेगा और दिल भी स्वस्थ रहेगा। लकवा के मरीजों को फाइबर की कमी को पूरा करने के लिए सुबह नाश्ते में फलों का सेवन करना चाहिए।
लकवा के मरीजों को नमक का सेवन कम करना चाहिए
जो लोग लकवा से पीड़ित हैं, उन्हें अपना रक्तचाप नियंत्रित रखना चाहिए। इन मरीजों का रक्तचाप 120/80 होना चाहिए। रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए नमक का सेवन कम करें। लकवा के मरीजों को पूरे दिन में आधा चम्मच से ज्यादा नमक का सेवन नहीं करना चाहिए।