India News (इंडिया न्यूज), Ayurvedic Treatment of Piles: बवासीर को पाइल्स भी कहा जाता है। यह एक गंभीर समस्या है, जो ज्यादातर गलत खान-पान और खराब जीवनशैली के कारण होती है। इसमें मलाशय के अंदर और बाहर सूजन आ जाती है, जिसके कारण रोगी को शौच के दौरान रक्तस्राव और दर्द होता है। इसके कारण बैठने और उठने में काफी परेशानी होती है।

बिना सर्जरी के बवासीर का इलाज

कायाकल्प हर्बल क्लीनिक, ऋषिकेश, उत्तराखंड के डॉ. राजकुमार (आयुष) ने बताया कि उन्हें आयुर्वेदिक उपचार से बवासीर का इलाज करते हुए 35 साल हो गए हैं, जिसमें उन्होंने बिना किसी सर्जरी के आयुर्वेद की मदद से बवासीर के कई रोगियों को ठीक किया है। उन्होंने बताया कि आयुर्वेद में बवासीर का इलाज कई तरह से किया जाता है। इसमें त्रिफला चूर्ण, एलोवेरा, नारियल तेल और गुनगुने पानी के साथ सिट्ज बाथ (बैठकर स्नान) करना बहुत फायदेमंद माना जाता है।

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त्रिफला चूर्ण के फायदे

त्रिफला चूर्ण के नियमित सेवन से पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है और पेट साफ रहता है। एलोवेरा सूजन को कम करता है और ठंडक प्रदान करता है। प्रभावित क्षेत्र पर नारियल का तेल लगाने से दर्द से राहत मिलती है और संक्रमण से बचाव होता है। गुनगुने पानी से सिट्ज़ बाथ लेने से भी सूजन और दर्द कम होता है। साथ ही, इन सभी जड़ी-बूटियों को किसी अच्छे डॉक्टर की सलाह से सही मात्रा में लेना बहुत ज़रूरी है।

ऐसे मिलेगी दर्द से राहत

बवासीर के लिए कुछ कारगर जड़ी-बूटियाँ हैं, जो सूजन और दर्द को कम करने में मददगार हैं। त्रिफला चूर्ण पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है और कब्ज़ से राहत दिलाता है। हरड़ मल त्याग को आसान बनाता है, जबकि अश्वगंधा सूजन को कम करने में मददगार है। नीम संक्रमण को रोकता है और एलोवेरा जेल लगाने से जलन से राहत मिलती है।

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Disclaimer: इंडिया न्यूज़ इस लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए बता रहा हैं। इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।