India News (इंडिया न्यूज),Plastic containers: आज के समय में ऑनलाइन फूड डिलीवरी सर्विस से खाना ऑडर करना आम बात हो गई है। आराम से घर बैठे ज़ोमाटो, स्विगी और कई फूड डिलीवरी सर्विस से स्वादिष्ट खाना मंगवाने की सुविधा ने जिंदगी आसान बना दिया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह आसान तरीका आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है, खासकर तब जब खाना प्लास्टिक के पैकेट या कंटेनर में आता हो? हाल ही में हुए एक अध्ययन से पता चला है कि प्लास्टिक के पैकेट में खाना खाने से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जिनमें सबसे गंभीर है हार्ट फेलियर का खतरा।

प्लास्टिक के पैकेट में खाना क्यों है खतरनाक?

प्लास्टिक एक ऐसा पदार्थ है जो धीरे-धीरे टूटकर छोटे-छोटे कणों में बदल जाता है। जब हम प्लास्टिक के कंटेनर या पैकेट में रखा खाना खाते हैं, तो वो छोटे-छोटे प्लास्टिक के कण हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। ये कण हमारे पेट की दीवारों को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे सूजन हो सकती है और पेट के अंदर के अंगों पर बुरा असर पड़ सकता है। इसके अलावा प्लास्टिक के पैकेट में इस्तेमाल होने वाले रसायन शरीर में प्रवेश कर रक्त प्रवाह को प्रभावित करते हैं, जिससे हृदय और दूसरे अंगों को नुकसान पहुंच सकता है।

क्या कहता है अध्ययन?

हाल ही में साइंसडायरेक्ट डॉट कॉम में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि प्लास्टिक के बर्तनों में खाना खाने से हार्ट फेलियर का खतरा बढ़ सकता है। इस अध्ययन में वैज्ञानिकों ने दो बड़े शोध किए। पहले शोध में 3,000 से अधिक चीनी नागरिकों की खाने की आदतों का विश्लेषण किया गया जो नियमित रूप से प्लास्टिक के बर्तनों में खाना खाते थे। इस शोध में पाया गया कि इन लोगों को गंभीर हृदय रोगों का खतरा अधिक था। दूसरे शोध में वैज्ञानिकों ने चूहों का अध्ययन किया। चूहों को पानी में रखा गया जिसमें काले प्लास्टिक के बर्तनों से रसायन निकल रहे थे। इन चूहों को लंबे समय तक प्लास्टिक के संपर्क में रखने के बाद उनमें हार्ट फेलियर के लक्षण दिखाई दिए। इस शोध ने निष्कर्ष निकाला कि प्लास्टिक के बर्तनों और पैकेटों से निकलने वाले रसायन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं और हृदय रोगों का कारण बन सकते हैं।

प्लास्टिक के पैकेट में रखे खाने के खतरे

जब प्लास्टिक के पैकेट में रखा खाना हमारे शरीर में जाता है, तो यह न केवल हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, बल्कि शरीर के अंदर कई तरह के बदलाव भी ला सकता है। प्लास्टिक के पैकेट में इस्तेमाल होने वाले केमिकल जैसे बिस्फेनॉल ए और थैलेट्स शरीर में जाकर हॉरमोनल असंतुलन पैदा कर सकते हैं। इसके अलावा, ये केमिकल सूजन और रक्त प्रवाह की समस्या पैदा कर सकते हैं, जिससे हृदय पर दबाव बढ़ता है। अगर यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहे, तो इससे हार्ट फेलियर का खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा, प्लास्टिक से निकलने वाले कण पेट की दीवारों में छेद कर सकते हैं, जिससे पाचन संबंधी विकार और संक्रमण जैसी अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं।

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प्लास्टिक कंटेनर का उपयोग करने से कैसे बचें?

अगर आप ज़ोमैटो या स्विगी से खाना मंगवाते हैं, तो प्लास्टिक के पैकेट के बजाय बायोडिग्रेडेबल या इको-फ्रेंडली पैकेजिंग का इस्तेमाल करने वाले विकल्प चुनना सबसे अच्छा है। अगर आप ऐसी जगह से खाना मंगवा रहे हैं जहाँ प्लास्टिक के पैकेट का इस्तेमाल होता है, तो इस विकल्प से बचने की कोशिश करें या कम से कम खाने को पैकेजिंग से निकालकर किसी सुरक्षित कंटेनर में स्टोर करें। साथ ही, घर पर खाना बनाते समय प्लास्टिक की जगह कांच, स्टेनलेस स्टील या बांस जैसी प्राकृतिक सामग्री का इस्तेमाल करें।

यह न केवल स्वास्थ्य के लिए बेहतर है बल्कि पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है। ज़ोमैटो और स्विगी जैसी फ़ूड डिलीवरी सेवाओं से ऑनलाइन खाना मंगवाना सुविधाजनक हो सकता है, लेकिन जब तक खाना सही पैकेजिंग में न हो, यह सुरक्षित नहीं है। प्लास्टिक के पैकेट और बर्तनों में खाना खाने से दिल की बीमारियाँ और हार्ट फेलियर जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं। इसलिए, खाना चुनते समय पैकेजिंग और सामग्री पर ध्यान दें और स्वास्थ्य से समझौता न करें।

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