India News(इंडिया न्यूज),Probiotics in Curds: पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थों का सेवन बहुत कारगर साबित होता है। प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थों का सेवन करने से पेट में अच्छे बैक्टीरिया बढ़ते हैं जो हमारी आंतों में संतुलन बनाए रखते हैं। प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थ पाचन क्रिया को बेहतर बनाते हैं, इन खाद्य पदार्थों का सेवन करने से कब्ज, गैस, एसिडिटी और डायरिया जैसी समस्याओं से राहत मिलती है। ये खाद्य पदार्थ हानिकारक बैक्टीरिया को नियंत्रित करते हैं, जिससे आंतों में सूजन और संक्रमण की समस्या कम होती है।
प्रोबायोटिक्स आंतों में स्वस्थ बैक्टीरिया को बढ़ाकर विटामिन, मिनरल और अन्य पोषक तत्वों के अवशोषण में मदद करते हैं। इन खाद्य पदार्थों का सेवन करने से प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है, क्योंकि अधिकांश प्रतिरक्षा कोशिकाएं आंतों में मौजूद होती हैं। प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थों का नियमित सेवन पाचन के लिए बहुत उपयोगी होता है जो हमारे आंत के स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।
पोषक तत्वों का खजाना
प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थों की बात करें तो सबसे पहले दिमाग में दही का ख्याल आता है। दही पोषक तत्वों का खजाना है और यह हमारे नियमित आहार का हिस्सा है। लेकिन कुछ लोगों को दही से एलर्जी होती है। कुछ लोगों को दही खाते ही गले में सर्दी लगने लगती है और सर्दी बढ़ जाती है। क्या आप जानते हैं कि कुछ खाद्य पदार्थों में दही से भी ज्यादा प्रोबायोटिक्स होते हैं?
पनीर का सेवन करें
पनीर एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जिसमें प्रोटीन और कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है जो आपके स्वाद को बढ़ाता है। अगर आप 24 से 48 घंटों के भीतर पनीर का सेवन करते हैं, तो आपके शरीर को भरपूर मात्रा में प्रोबायोटिक्स मिलेंगे। पनीर, खास तौर पर 24 घंटे से ज़्यादा समय तक किण्वित किया गया पनीर, प्रोबायोटिक्स से भरपूर होता है, जो आंतों में अच्छे बैक्टीरिया के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। ये अच्छे बैक्टीरिया आंतों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं, पाचन में सुधार करते हैं और प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।
ढोकला खाएं
ढोकला एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जो बेसन के किण्वन से बनता है। इसे पचाना बहुत आसान है, इसमें फैट लगभग नहीं होता। कम कार्ब्स और कम कैलोरी वाला यह प्रोबायोटिक फूड आंतों में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाता है। रोजाना इसका सेवन करने से आंत स्वस्थ रहती है। प्रोबायोटिक गुणों से भरपूर ढोकला आंतों में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाने में मदद करता है। लैक्टोबैसिलस और बिफिडोबैक्टीरियम जैसे ये अच्छे बैक्टीरिया आंतों में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को नियंत्रित करते हैं और पाचन क्रिया को बेहतर बनाते हैं।
फरमेंटेड सब्जियों का सेवन करें
सब्जियों का सेवन स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है। अगर सब्जियों को फॉर्मेट करके खाया जाए तो वे बेहतरीन प्रोबायोटिक बन जाती हैं। किण्वित सब्जियों की बात करें तो प्याज, गाजर और शिमला मिर्च जैसी सब्जियों को फॉर्मेट किया जा सकता है। इन सब्जियों को फॉर्मेट करने से इनमें प्रोबायोटिक गुण बढ़ जाते हैं जो आंतों में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा देते हैं और पाचन क्रिया को बेहतर बनाते हैं। इन प्रोबायोटिक सब्जियों का नियमित सेवन आंतों में अच्छे बैक्टीरिया का संतुलन बनाए रखने में मदद करता है जिससे पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है और पेट से जुड़ी समस्याओं से राहत मिलती है।
केफिर का सेवन करें
केफिर एक प्रकार का किण्वित दूध है जिसमें दही से ज़्यादा प्रोबायोटिक्स होते हैं। यह दूध और अन्य सामग्रियों के मिश्रण से तैयार किया जाता है जो आंतों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। इसके सेवन से आंतों में अरबों अच्छे बैक्टीरिया बढ़ते हैं।
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