India News (इंडिया न्यूज), Problem of White Discharge: महिलाओं में व्हाइट डिस्चार्ज (सफेद पानी) एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है, जो आमतौर पर योनि से निकलने वाला गाढ़ा, सफेद या हल्का सफेद तरल पदार्थ होता है। यह डिस्चार्ज मुख्यतः महिला के शरीर के हार्मोनल चक्र के दौरान होता है और यह महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य का एक सामान्य हिस्सा माना जाता है। लेकिन जब इस डिस्चार्ज की मात्रा बहुत ज्यादा बढ़ जाती है, तो यह कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है।

सामान्य सफेद पानी (व्हाइट डिस्चार्ज):

सफेद पानी या व्हाइट डिस्चार्ज का मुख्य कार्य योनि को स्वच्छ रखना, संक्रमण से बचाव करना और योनि की नमी बनाए रखना होता है। यह डिस्चार्ज आमतौर पर ओव्यूलेशन (अंडोत्सर्ग) के आसपास अधिक होता है, जैसे कि माहवारी से पहले और बाद के कुछ दिनों में।

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व्हाइट डिस्चार्ज की सामान्य मात्रा:

  1. माहवारी से पहले: महिलाओं को माहवारी के दौरान या उसके कुछ दिन पहले सफेद पानी की मात्रा में वृद्धि हो सकती है।
  2. प्राकृतिक अवस्था: गर्भवती महिलाओं में भी सफेद डिस्चार्ज की मात्रा बढ़ सकती है, जो सामान्य होता है।
  3. हार्मोनल बदलाव: हार्मोनल बदलावों के कारण भी सफेद पानी की मात्रा में वृद्धि हो सकती है।

जब सफेद पानी अधिक मात्रा में हो या असामान्य हो, तो यह किन कारणों से हो सकता है?

संक्रमण (Infection): अगर सफेद पानी की मात्रा अधिक हो जाती है और इसमें बदबू आती है, रंग बदल जाता है (जैसे पीला या हरा), तो यह संक्रमण का संकेत हो सकता है। इसके कारण हो सकते हैं:

    • वैजिनल फंगस (Yeast Infection): यह संक्रमण, जिसे कैंडिडा कहा जाता है, सफेद पानी की मात्रा बढ़ा सकता है और साथ में खुजली, जलन और दर्द भी हो सकता है।
    • बैक्टीरियल वेजिनोसिस (Bacterial Vaginosis): इसमें सफेद पानी के साथ मछली जैसी गंध आ सकती है।
    • यौन संचारित संक्रमण (STIs): कुछ यौन संचारित संक्रमण जैसे क्लैमीडिया और गोनोरिया भी सफेद पानी की मात्रा और इसकी गुणवत्ता में बदलाव ला सकते हैं।

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हार्मोनल असंतुलन:

    • गर्भावस्था: गर्भवती होने पर भी सफेद डिस्चार्ज बढ़ सकता है, क्योंकि शरीर में हार्मोनल परिवर्तन होते हैं।
    • ओव्यूलेशन (Ovulation): अंडोत्सर्ग के दौरान सफेद पानी की मात्रा बढ़ सकती है, जो स्वाभाविक है।
    • पीसीओएस (PCOS): यह स्थिति हार्मोनल असंतुलन की वजह से सफेद पानी की मात्रा बढ़ा सकती है।

अन्य कारण:

    • माहवारी के पहले और बाद का समय: माहवारी के पहले और बाद में सफेद पानी की मात्रा बढ़ना सामान्य हो सकता है।
    • तनाव: मानसिक तनाव और चिंता भी कभी-कभी शरीर के हार्मोनल संतुलन को प्रभावित कर सकती है, जिससे व्हाइट डिस्चार्ज की मात्रा में बदलाव हो सकता है।

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कब डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए?

अगर व्हाइट डिस्चार्ज की मात्रा अचानक से बढ़ जाए या इसमें कोई असामान्य बदलाव हो, तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इसके कुछ संकेत हो सकते हैं:

  • गंध वाली या पीली, हरी या भूरे रंग की डिस्चार्ज।
  • जलन, खुजली या सूजन।
  • दर्द या ऐंठन।
  • अत्यधिक डिस्चार्ज जो रोजमर्रा की गतिविधियों में रुकावट डालने लगे।

व्हाइट डिस्चार्ज सामान्य है और यह महिला के शरीर की प्राकृतिक प्रक्रिया का हिस्सा है, लेकिन जब इसका स्वरूप या मात्रा असामान्य हो जाए, तो यह किसी संक्रमण या स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है। इसलिए, यदि किसी महिला को इस डिस्चार्ज के साथ कोई अन्य लक्षण महसूस होते हैं, तो उसे तुरंत चिकित्सा सहायता प्राप्त करनी चाहिए।

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Disclaimer: इंडिया न्यूज़ इस लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए बता रहा हैं। इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।