India News (इंडिया न्यूज), Prostate Cancer: प्रोस्टेट कैंसर का पता शुरुआती स्टेज पर नहीं चल पाता है क्योंकि इसका कोई लक्षण दिखाई नहीं देता। अगर शुरुआती दौर में ही इस बीमारी के लक्षण को पकड़ लिया जाए और इसका उचित इलाज किया जाए तो ऐसी हालत में मरीजों को बहुत लाभ मिल सकता है। दुनियाभर में पुरुषों में होने वाले कैंसर में प्रोस्टेट कैंसर सबसे सामान्य है। जानिए क्या है इसके लक्षण और किन पुरुषो को इस बिमारी से है सबसे ज्यादा खतरा।

prostate cancer

क्या है प्रोस्टेट कैंसर?

 

प्रोस्टेट पुरुषों में अखरोट के आकार की एक ग्रंथि होता है जो पुरुषों के पेट के निचले हिस्से में होती है। इसी ग्रंथि में वीर्य का निर्माण भी होता है और प्रोस्टेट ग्रंथि की कोशिकाओं में असामान्य वृ्द्धि प्रोस्टेट कैंसर का कारण बनती है। यह कैंसर प्रोस्टेट ग्रंथि से बहुत तेज़ी से शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाती है। लेकिन जब यह कैंसर प्रोस्टेट ग्रंथि से बढ़कर शरीर के अन्य हिस्सों में फैलने लगता है, उसके बाद पेशाब संबंधी परेशानियां सामने आती हैं। पेशाब समस्याओं के साथ-साथ पुरुष के पैरों में भी कमजोरी आ जाती है।

इन पुरुषो को हो सकता है ये कैंसर

डॉक्टर्स के द्वारा बताया गया है कि यह पुरुषों में होने वाला कॉमन कैंसर है। इसके होने का मुख्य और सबसे बड़ा कारण अनुवांशिक है और इस कैंसर के करीब 90 प्रतिशत मामले अनुवांशिक ही होते हैं। जेनेटिक म्यूटेशन से जो बदलाव आता है, उससे मरीजों में कैंसर होने के चांसेज बहुत बढ़ जाते हैं। अगर किसी मरीज के भाई और पिताजी को कैंसर रहा हो या फिर फर्स्ट डिग्री रिलेटिव को कैंसर रहा हो। उन मरीजों में आम आदमी की तुलना में कैंसर होने का खतरा ढाई गुना ज्यादा बढ़ जाता है। यह मुख्य तौर पर अमेरिका में पाए जाने वाला रोग है और इसकी तुलना में एशिया और अफ्रीका में यह बीमारी कम होती है। भारतीयों में यह बीमारी कम होने का एक मुख्य कारण रेसियल डिफरेंस भी है।

किसको प्रोस्टेट कैंसर का अधिक खतरा?

प्रोस्टेट कैंसर किसी भी उम्र के पुरुषो को हो सकता है लेकिन कुछ कारक ऐसे हैं जिनसे कुछ पुरुषों में इस कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

  • 50 से 90 साल से ऊपर के पुरुषों में इस कैंसर का खतरा ज्यादा रहता है।
  • स्मोकिंग करने वाले पुरुषो को।
  • आनुवांशिक बदलाव के कारण।
  • जिनके परिवार में किसी को प्रोस्टेट कैंसर है।
  • मोटापे के कारण।

हेल्थलाइन का कहना है कि ये कैंसर 40 से कम उम्र के पुरुषों में रेयर होता है। डॉक्टर सलाह देते हैं कि 45-50 की उम्र के बाद हर पुरुष को प्रोस्टेट कैंसर की जांच करानी चाहिए ताकि अगर प्रोस्टेट कैंसर बन रहा हो तो शुरुआती स्टेज में ही इलाज किया जा सके।

प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण

  • बार-बार पेशाब लगना, खासकर रात में।
  • मूत्र या वीर्य में खून आना।
  • मूत्र त्याग करने पर दर्द होना।
  • प्रोस्टेट जाए तो बैठने पर दर्द या बेचैनी होना
  • पैरों में कमजोरी आना और उनका बार-बार सुन्न पड़ जाना।
  • पेशाब करने के बाद भी ऐसा महसूस करना कि ब्लैडर खाली नहीं हुआ है।
  • अगर कैंसर ज्यादा बढ़ जाता है तो पुरुष के रीढ़ की हड्डी पर दबाव पड़ता है, मूत्राशय और मलाशय पर उनका नियंत्रण हट जाता है।

इन लक्षणों को जानने के बाद किसी भी निर्णय पर पहुंचने से पहले डॉक्टर की सलाह ज़रूर ले और जरूरी टेस्ट करवाएं। प्रोस्टेट कैंसर का पता लगाने के लिए डॉक्टर PSA (prostate-specific antigen) नामक जांच करवाने की सलाह देते हैं।

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