India News (इंडिया न्यूज), Harmful Impact Of Refined Oil: आजकल के आधुनिक खानपान में रिफायंड तेल का इस्तेमाल अत्यधिक बढ़ गया है। यह तेल न केवल भारत में, बल्कि पूरे विश्व में हर घर के किचन में सामान्य रूप से पाया जाता है। हम इसे तला-भुना खाना बनाने के लिए इस्तेमाल करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि रिफायंड तेल हर साल 20 लाख से ज्यादा मौतों का कारण बन रहा है? आइए जानते हैं रिफायंड तेल के बारे में विस्तार से, और क्यों यह हमारे स्वास्थ्य के लिए खतरे की घंटी बन सकता है।
रिफायंड तेल क्या है?
रिफायंड तेल को विभिन्न प्रकार की प्रक्रिया से शुद्ध किया जाता है, जिससे यह कच्चे तेल के मुकाबले सफेद, शुद्ध और अधिक स्वादिष्ट दिखाई देता है। यह तेल वनस्पति से लेकर विभिन्न प्रकार के बीजों जैसे सोयाबीन, सूरजमुखी, मूंगफली और ताड़ के तेल से तैयार किया जाता है। हालांकि, रिफायंड तेल का मुख्य उद्देश्य तेल को स्टोर करने की अवधि बढ़ाना और उसका स्वाद बेहतर बनाना है, लेकिन इसके निर्माण की प्रक्रिया में कई स्वास्थ्य के लिए हानिकारक रासायनिक पदार्थ शामिल होते हैं।
रिफायंड तेल के निर्माण की प्रक्रिया
रिफायंड तेल बनाने के दौरान, तेल को उच्च तापमान पर गर्म किया जाता है और रासायनिक प्रक्रियाओं का इस्तेमाल किया जाता है, जैसे कि डिहाइड्रेशन, ब्लीचिंग, और डिओडोराइजेशन। इस प्रक्रिया में तेल में से अधिकांश प्राकृतिक तत्व जैसे एंटीऑक्सिडेंट्स और विटामिन्स हटा दिए जाते हैं, और इसके परिणामस्वरूप तेल अधिक स्थिर और लंबी उम्र वाला हो जाता है। लेकिन इसका असर हमारे शरीर पर प्रतिकूल पड़ता है।
स्वास्थ्य पर असर
- हृदय रोगों का खतरा: रिफायंड तेल में ट्रांसफैट्स (Trans fats) और ऑक्सीडाइज्ड फैटी एसिड्स होते हैं, जो हृदय रोगों के मुख्य कारण माने जाते हैं। ये तत्व रक्त वाहिकाओं में जाम पैदा कर सकते हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है और दिल का दौरा जैसी गंभीर स्थितियाँ उत्पन्न हो सकती हैं।
- मधुमेह: लगातार रिफायंड तेल का सेवन इन्सुलिन के स्तर को प्रभावित कर सकता है, जिससे मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है।
- कैंसर का जोखिम: रिफायंड तेल में रासायनिक पदार्थ जैसे बेंजोपाइरीन और अन्य संभावित कैंसरजन तत्व हो सकते हैं, जो शरीर में कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं और कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का कारण बन सकते हैं।
- पाचन प्रणाली पर प्रभाव: रिफायंड तेल का अधिक सेवन पाचन तंत्र को भी प्रभावित करता है, जिससे कब्ज, एसिडिटी और अन्य पाचन समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
- त्वचा और बालों की समस्याएं: रिफायंड तेल में मौजूद रासायनिक तत्व त्वचा और बालों के लिए भी हानिकारक हो सकते हैं। यह त्वचा की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को तेज कर सकता है और बालों को कमजोर बना सकता है।
क्यों बन रहा है यह एक गंभीर समस्या?
रिफायंड तेल का अधिक सेवन एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बनता जा रहा है क्योंकि यह हमारी दैनिक जीवनशैली का हिस्सा बन चुका है। खासकर जब हम तला-भुना भोजन, स्नैक्स, और फास्ट फूड का अधिक सेवन करते हैं, तो हमारा शरीर इन हानिकारक रासायनिक तत्वों को लगातार ग्रहण करता है। इससे शरीर की स्वाभाविक रोग प्रतिकारक क्षमता घटती है, और विभिन्न बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
समाधान और वैकल्पिक उपाय
- स्वस्थ तेल का चयन: रिफायंड तेल की जगह हमें कम से कम प्रसंस्कृत तेलों का चयन करना चाहिए। जैसे कि सरसों का तेल, तिल का तेल, नारियल तेल, और घी। इन तेलों में अधिक पोषण होता है और ये स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं।
- तला-भुना भोजन कम करें: तला-भुना भोजन का सेवन कम करने से भी रिफायंड तेल के खतरों से बचा जा सकता है। घर में बनाए गए ताजे और हेल्दी खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
- कच्चे तेल का उपयोग करें: जैसे जैतून का तेल, जो ओमेगा-3 फैटी एसिड्स से भरपूर होता है और हृदय के लिए अच्छा है। यह रिफायंड तेल से बहुत ज्यादा सुरक्षित और लाभकारी है।
रिफायंड तेल के सेवन से हमें स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं, जिनसे बचने के लिए हमें अपनी खानपान की आदतों में बदलाव करना जरूरी है। ताजे और कम प्रसंस्कृत तेलों का सेवन करके हम न केवल अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ी को भी स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों से बचा सकते हैं।