India News (इंडिया न्यूज),Symptoms of Scrub Typhus: इन दिनों सुर्खियाँ एक खतरनाक और तेज़ी से फैलती बीमारी स्क्रब टाइफस के बारे में हैं, जो इंसान के खून की प्यासी है। यह बीमारी भारत समेत दुनिया के कई हिस्सों में तेज़ी से फैल रही है और अब गंभीर स्वास्थ्य चिंता का कारण बन गई है। खास तौर पर उन इलाकों में जहाँ सफ़ाई की स्थिति खराब है और कच्चा या अनुपचारित पानी इस्तेमाल किया जाता है। इस लेख में हम स्क्रब टाइफस, इसके कारण, लक्षण और बचाव के उपायों के बारे में जानेंगे।

स्क्रब टाइफस क्या है?

स्क्रब टाइफस एक जीवाणु संक्रमण है जो ओरिएंटिया त्सुत्सुगामुशी नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। यह बैक्टीरिया खून चूसने वाले माइट्स के ज़रिए मानव शरीर में फैलता है। ये माइट्स आमतौर पर गंदगी, घास या घने जंगलों में पाए जाते हैं और जब ये किसी इंसान के शरीर को काटते हैं, तो ये बैक्टीरिया को शरीर में पहुंचा देते हैं। चूंकि यह माइट्स से फैलता है, इसलिए इसे टिक फीवर भी कहा जाता है।

भारत में स्क्रब टाइफस का बढ़ता खतरा

हाल के वर्षों में भारत में स्क्रब टाइफस के मामलों में वृद्धि देखी गई है। इसके मामले खासकर दक्षिणी भारत, पूर्वोत्तर भारत और कर्नाटक जैसे राज्यों में तेजी से बढ़ रहे हैं। असम, केरल, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में यह बीमारी ज्यादा देखी जा रही है। यह बीमारी आमतौर पर गंदगी, अपर्याप्त स्वच्छता और कीटाणुओं से संक्रमित वातावरण वाली जगहों पर फैलती है।

स्क्रब टाइफस के लक्षण

स्क्रब टाइफस के लक्षण आमतौर पर संक्रमण के 6 से 21 दिनों के भीतर दिखने लगते हैं। इसके शुरुआती लक्षण आम बुखार और फ्लू जैसे लक्षणों से भ्रमित हो सकते हैं, इसलिए इसे सही समय पर पहचानना महत्वपूर्ण है।

बुखार

स्क्रब टाइफस का सबसे आम लक्षण तेज बुखार है, जो अचानक शुरू हो सकता है। बुखार के साथ ठंड लगना, शरीर में दर्द और कमज़ोरी भी हो सकती है।

दाने

यह एक प्रमुख लक्षण है। जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है, त्वचा पर दाने दिखाई दे सकते हैं, जो आमतौर पर शरीर के ऊपरी हिस्से, हाथ और पैरों पर दिखाई देते हैं।

सिरदर्द और शरीर में दर्द

स्क्रब टाइफस से संक्रमित व्यक्ति को सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और जोड़ों में अकड़न का अनुभव हो सकता है। ये लक्षण आमतौर पर वायरल बुखार के समान होते हैं।

स्क्रब टाइफस का उपचार

स्क्रब टाइफस का इलाज संभव है, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि समय रहते इसकी पहचान हो जाए। अगर इसका इलाज न किया जाए, तो यह अंगों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है, यहाँ तक कि मृत्यु भी हो सकती है।

एंटीबायोटिक्स

स्क्रब टाइफस का इलाज आमतौर पर डॉक्सीसाइक्लिन और क्लोरैम्फेनिकॉल जैसे एंटीबायोटिक्स से किया जाता है। ये दवाएँ संक्रमण को नियंत्रित कर सकती हैं।

उचित देखभाल और आराम

बीमारी के दौरान शरीर को आराम और पर्याप्त पानी की ज़रूरत होती है। साथ ही, बुखार और दर्द को कम करने के लिए दर्द निवारक दवाओं का भी इस्तेमाल किया जाता है।

स्क्रब टाइफस से बचाव के उपाय

टिक्स से बचाव
टिक्स से बचने के लिए गंदे और घास वाले इलाकों से दूर रहना चाहिए। अगर इन इलाकों में जाना ही पड़े तो शरीर को पूरी तरह से ढककर रखें और कीटनाशक का इस्तेमाल करें।

700 पार हो गया डायबिटीज तो कभी न खाएं ये खाना, बुंद-बुंद कर चूस रही है आपका शरीर, समय रहते हो जाएं सतर्क 7 दिनों में होगा छूमंतर!

स्वच्छता बनाए रखें
घर और आस-पास साफ-सफाई रखना बहुत जरूरी है। गंदगी और पानी के स्थायी जमाव को खत्म करना चाहिए।

कीटनाशक का इस्तेमाल
टिक्स के हमलों को कम करने के लिए कपड़ों और बिस्तर पर कीटनाशक का छिड़काव करना चाहिए।

टीकाकरण
कुछ इलाकों में स्क्रब टाइफस के खिलाफ टीकाकरण की योजना भी चल रही है। स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों से इसकी उपलब्धता के बारे में जानकारी लें।

स्वस्थ आहार और पानी का सेवन
स्वस्थ आहार खाने और साफ पानी का सेवन करने से प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है, जिससे ऐसे जीवाणु संक्रमण से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।

क्यों नही खाना चाहिए धुआं निकलता खाना, निगल रहे हैं गर्मा-गर्म खाना तो जान लें प्रेमानंद महाराज की चौकाने वाली बात