India News (इंडिया न्यूज),Symptoms of Depression: समय के साथ बदलते माहौल और परिवेश के साथ डिप्रेशन और एंग्जायटी भी हमारी जिंदगी का हिस्सा बन गए हैं। घर और काम की जिम्मेदारियों के बीच हमारा मानसिक स्वास्थ्य कब बिगड़ जाता है, इसका हमें पता ही नहीं चलता। डिप्रेशन पुरुषों और महिलाओं दोनों को समान रूप से प्रभावित करता है। लेकिन महिलाओं में इसके लक्षण अधिक तीव्र और जटिल रूप में दिखाई दे सकते हैं। यह सिर्फ उदासी या तनाव नहीं है, बल्कि यह एक ऐसी स्थिति है जो व्यक्ति की सोचने, महसूस करने और दैनिक जीवन जीने की क्षमता को प्रभावित करती है।

महिलाओं में डिप्रेशन के गंभीर लक्षण

महिलाओं में डिप्रेशन के लक्षण आमतौर पर भावनात्मक, शारीरिक और व्यवहारिक रूप में दिखाई देते हैं। सबसे आम लक्षण हैं लगातार उदासी, रोने की इच्छा, खुद को धिक्कारना और आत्मविश्वास की कमी। इसके साथ ही वे छोटी-छोटी बातों पर चिढ़ने लगती हैं, अकेलापन महसूस करती हैं और कई बार उन्हें ज़िंदगी बेमानी लगने लगती है। शारीरिक लक्षणों की बात करें तो डिप्रेशन से पीड़ित महिलाओं को नींद की कमी या बहुत ज़्यादा नींद आना, थकान, सिरदर्द, पीठ दर्द और पाचन संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं। उन्हें अक्सर खाने की आदतों में बदलाव महसूस होता है जैसे भूख न लगना या बहुत ज़्यादा भूख लगना। मासिक धर्म में अनियमितता और यौन इच्छा में कमी भी इसके लक्षण हो सकते हैं।

सामाजिक और पारिवारिक व्यवहार में बदलाव

अवसाद से प्रभावित महिलाएं अक्सर सामाजिक गतिविधियों से खुद को दूर कर लेती हैं। वे परिवार और दोस्तों से बात करना बंद कर देती हैं और अकेले रहना पसंद करने लगती हैं। कई बार काम में मन न लगना, बच्चों के प्रति उदासीनता या घर के कामों में अरुचि जैसी स्थितियां पैदा हो जाती हैं। अगर ये लक्षण लंबे समय तक बने रहें, तो यह चिंता का विषय हो सकता है।

अवसाद से कैसे बाहर आएं?

सबसे पहला कदम यह स्वीकार करना है कि आप किसी मानसिक समस्या से जूझ रही हैं। अक्सर महिलाएं अपनी मानसिक स्थिति को अनदेखा कर देती हैं और सोचती हैं कि यह बस एक दौर है जो अपने आप ठीक हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं होता। अवसाद से बाहर निकलने के लिए पेशेवर मदद लेना बहुत जरूरी है। मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ यानी मनोवैज्ञानिक या मनोचिकित्सक से सलाह लें। काउंसलिंग जैसी टॉक थेरेपी बहुत कारगर हो सकती है।

इसके अलावा नियमित दिनचर्या बनाए रखें, पर्याप्त नींद लें, हल्का व्यायाम करें और संतुलित आहार लें। ध्यान, योग और प्राणायाम जैसे उपाय भी मानसिक शांति प्रदान करते हैं। अगर जरूरी हो तो डॉक्टर की सलाह पर दवाइयां ली जा सकती हैं। महिलाओं को डिप्रेशन से बाहर आने के लिए परिवार का साथ बहुत जरूरी है। उनसे संवाद बनाए रखें, उन्हें समझने की कोशिश करें और उन्हें अकेला महसूस न होने दें।