India News (इंडिया न्यूज), Tea Sleep: आज अधिकतर लोगों की शुरुआत गर्म चाय की चुस्की के साथ होती है।कई बार रातों को अगर देर तक जगना हो तो लोग चाय पीना पसंद करते हैं। कईयों का मानना है कि चाय पीने से नींद नहीं आती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है। इसके पीछे की वजह जानेंगे तो आप चौंक जाएंगे।  बहुत कम लोग ये जानते हैं कि चाय में कैफीन होता है। एक कप चाय जब हम तैयार करने के लिए गैस पर चढ़ाते हैं तो उसमें का लगभग 70%-80% कैफीन पानी के साथ मिल जाता है। जब हम उस चाय को पीते हैं तो कैफीन के साथ चाय सतर्कता को बढ़ा देता है और दिमाग को उत्तेजित कर देता है। हमारे शरीर की थकावट एडेनोसिन नामक न्यूरोमोड्यूलेटर से आती है। यह एक दिन के काम के बाद हमारे शरीर द्वारा तैयार किया जाता है।  एडेनोसिन रिसेप्टर्स से जुड़ता है तब थकावट महसूस होने लगती है।

इस कारण उड़ जाती है नींद

बता दें कि हमारे शरीर में मौजूद केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में कैफीन का प्रतिक्रिया समय शराब जैसे अन्य उत्तेजक पदार्थों से  जितना नहीं होता है उससे कम होता है। एक घंटे में कैफीन दूसरे मेटाबोलाइट्स के साथ मिल जाता है। जान ले कि पेय पदार्थ जैसे कोला, एनर्जी ड्रिंक और चॉकलेट में भी कैफीन मिला होता है। अगर आप इसका सेवन नहीं करते हैं तो आपकी  नींद  प्रभावित नहीं होगी। अगर आपके शरीर में कैफीन की मात्रा है तो सारी कैफीन 3-4 घंटों में खत्म हो जाएगी। शरीर के अनुसार अलग-अलग लोगों पर कैफीन का असर अलग- अलग होता है। इस कारण ही एक व्यक्ति के लिए सुरक्षित या सुखद मात्रा हर किसी के लिए स्वस्थ नहीं हो सकती है। यही नींद ना आने का कारण बनती है।

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