India News (इंडिया न्यूज),What is Hemophilia: हीमोफीलिया एक दुर्लभ रक्त विकार है जिसमें मानव शरीर में रक्त का थक्का बनना बंद हो जाता है। अक्सर चोट लगने पर रक्तस्राव होता है और रक्त का थक्का बनने के बाद शरीर से रक्तस्राव बंद हो जाता है। लेकिन हीमोफीलिया के मरीज को सामान्य लोगों की तुलना में अधिक रक्तस्राव होता है। छोटी सी चोट लगने पर भी बहुत अधिक रक्तस्राव होता है। जिससे मरीज को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। कई बार अत्यधिक रक्तस्राव के कारण चक्कर आना, जोड़ों में सूजन, दर्द और अकड़न जैसी समस्याएं होने लगती हैं। जानिए हीमोफीलिया के लक्षण और इसे कैसे नियंत्रित किया जा सकता है।

हीमोफीलिया दो तरह का होता है, टाइप ए और टाइप बी। ये अलग-अलग जेनेटिक म्यूटेशन की वजह से होता है। हीमोफीलिया ए एक बहुत ही आम बीमारी है जो F8 जीन में म्यूटेशन की वजह से होती है। वहीं, हीमोफीलिया बी F9 जीन में म्यूटेशन की वजह से होता है। चिंता की बात यह है कि हीमोफीलिया का कोई इलाज नहीं है, इसे सिर्फ मैनेज किया जा सकता है।

पहले पकड़े हाथ-पैर, फिर काट डाला प्राइवेट पार्ट, बाप ने बेटी से करवाया ऐसा कांड, खून से लथपथ चिल्लाता रह गया प्रेमी

हीमोफीलिया के कारण

हीमोफीलिया की स्थिति तब होती है जब रक्त के थक्के जमने के लिए ज़रूरी कुछ प्रोटीन की कमी हो जाती है। जिसे फैक्टर VIII या IX के नाम से जाना जाता है। इन फैक्टर की कमी हीमोफीलिया की गंभीरता को निर्धारित करती है। गंभीर हीमोफीलिया की स्थिति में बिना किसी कारण या मामूली चोट की वजह से भी गंभीर रक्तस्राव हो सकता है।

हीमोफीलिया के लक्षण क्या हैं?

आमतौर पर हीमोफीलिया के कोई खास लक्षण नहीं होते हैं। चोट लगने के बाद खून बहने और खून का रुकना बंद न होने से ही स्थिति गंभीर हो जाती है। इसके अलावा ये लक्षण भी दिख सकते हैं।

UP के बाद अब दिल्ली में भी अजान पर पाबंदी, लाउडस्पीकर को लेकर CM Rekha ने जारी किए आदेश, खबर जान मुसलमानों ने पकड़ लिया माथा

जोड़ों में दर्द और सूजन

कई बार बहुत ज्यादा खून बहने की वजह से जोड़ों पर असर पड़ता है। जोड़ों में सूजन, दर्द और कई बार अकड़न महसूस होती है। कुछ लोगों को चलने-फिरने में भी दिक्कत होती है।

मांसपेशियों में खून बहना

मांसपेशियों में खून बहने की वजह से मांसपेशियों के ऊतकों को नुकसान पहुंचने लगता है। ऐसी स्थिति में दर्द, सूजन और कोमलता बढ़ सकती है। जिस जगह खून बह रहा है, वहां की मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं।

जोड़ों और मस्तिष्क में खून बहना

कई बार जोड़ों के पास के ऊतकों में खून बहने लगता है। जिसे हेमर्थ्रोसिस कहते हैं। इससे जड़ों में लालिमा और दर्द होता है। अगर इलाज न किया जाए तो नुकसान गंभीर हो सकता है। कई बार मस्तिष्क में खून बहने लगता है। इसे इंट्रासेरेब्रल ब्लीडिंग कहते हैं। यह एक मेडिकल इमरजेंसी स्थिति है। इसमें लकवा भी हो सकता है।

पहली नजर का प्यार और फिर इकरार… मजहब बना था जहीर- सागरिका के रिश्ते में दीवार, दुनियाभर से लड़कर एक दूजे का थामा था हाथ, खूब मचा था बवाल