India News (इंडिया न्यूज), Heart Attack Signs: हार्ट अटैक को लेकर आम धारणा है कि इसके संकेत केवल सीने में दर्द, सांस फूलने, या चक्कर आने के रूप में प्रकट होते हैं। हालांकि, आपके शरीर के अन्य हिस्से, खासकर पैर, भी इस गंभीर समस्या के शुरुआती संकेत दे सकते हैं। आइए जानते हैं कि हार्ट अटैक से पहले पैरों में होने वाले कौन-कौन से बदलाव आपको सतर्क कर सकते हैं और समय रहते इन्हें पहचानकर सही इलाज कैसे करवाया जा सकता है।
ये 5 संकेत बजा देते हैं हार्ट अटैक की घंटी:-
1. पैरों में सूजन
अगर आपके पैरों में बिना किसी स्पष्ट कारण के सूजन हो रही है, खासकर टखनों और पंजों में, तो इसे हल्के में न लें। लोग अक्सर इसे थकान या गर्मी का प्रभाव मानकर नज़रअंदाज़ कर देते हैं। लेकिन अगर यह सूजन रोज़मर्रा की समस्या बन जाए, तो यह दिल की गड़बड़ी का संकेत हो सकता है। यह समस्या फ्लूइड रिटेंशन (fluid retention) के कारण होती है, जो कि हार्ट फेलियर का शुरुआती लक्षण हो सकता है।
2. पैरों में ठंडक और रंग बदलना
अगर आपके पैरों में अचानक ठंडक महसूस हो रही है या उनका रंग नीला या हल्का बैंगनी हो रहा है, तो यह खराब ब्लड सर्कुलेशन का संकेत है। ब्लड सर्कुलेशन में यह गड़बड़ी दिल के सही तरीके से काम न करने के कारण हो सकती है। इसे नज़रअंदाज़ करना भविष्य में बड़ी समस्या का कारण बन सकता है।
3. पैरों में दर्द या ऐंठन
चलते समय पैरों में दर्द या ऐंठन महसूस होना और आराम करने पर इसका ठीक हो जाना सामान्य लग सकता है। लेकिन अगर यह समस्या बार-बार हो रही है, तो इसे अनदेखा न करें। यह दर्द ब्लड सर्कुलेशन में बाधा का संकेत हो सकता है, जो हार्ट अटैक के खतरे को बढ़ा सकता है।
4. नाखूनों और त्वचा में बदलाव
पैरों के नाखून मोटे और पीले पड़ने लगें या त्वचा सूखी और खुरदुरी हो जाए, तो इसे नजरअंदाज न करें। दिल की गड़बड़ी के कारण पैरों तक पर्याप्त खून नहीं पहुंच पाता, जिससे इन हिस्सों में यह बदलाव दिखाई देते हैं। यह संकेत दिल से जुड़ी किसी गंभीर समस्या की ओर इशारा कर सकते हैं।
5. पैरों में सुन्नपन या झुनझुनाहट
अगर आपके पैरों में बार-बार सुन्नपन, झुनझुनाहट या सुई चुभने जैसा अहसास हो रहा है, तो यह नर्व डैमेज का लक्षण हो सकता है। यह समस्या ब्लड फ्लो में कमी के कारण होती है, जो हार्ट अटैक के खतरे की ओर इशारा करती है।
सतर्क रहने की आवश्यकता
हमारा शरीर हमेशा संकेत देता है। जरूरत है इन संकेतों को समय पर पहचानने और सही कदम उठाने की। अगर आप अपने पैरों में इन बदलावों को महसूस करते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं, जिसमें नियमित व्यायाम, संतुलित आहार, और तनाव प्रबंधन शामिल हों। इन छोटे-छोटे कदमों से आप अपने दिल को स्वस्थ रख सकते हैं।
याद रखें, सतर्कता ही बचाव है। अपने पैरों की सुनें और दिल की हिफाजत करने से पीछे न हटें।