India News (इंडिया न्यूज), Thyroid Awareness: पिछले एक दशक में महिलाओं में थायराइड की समस्या तेजी से बढ़ी है। आयोडिन की कमी, बढ़ता प्रदूषण, जंक फूड का सेवन, और अनियमित जीवनशैली जैसी वजहों ने इस समस्या को और गंभीर बना दिया है। यह समस्या न केवल महिलाओं के स्वास्थ्य को प्रभावित करती है, बल्कि गर्भधारण में दिक्कत, थकान, और मासिक धर्म की अनियमितताओं जैसी कई समस्याओं को जन्म देती है।
थायराइड ग्रंथि और इसकी भूमिका
थायराइड ग्रंथि शरीर के मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करने वाले हार्मोन का उत्पादन करती है। खासतौर पर महिलाओं में हार्मोनल परिवर्तनों के कारण थायराइड असंतुलन की संभावना अधिक होती है। लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज और एम्स जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में किए गए शोध से यह स्पष्ट हुआ है कि 20 से 40 साल की महिलाओं में थायराइड की समस्या अधिक देखने को मिलती है।
थायराइड के सामान्य लक्षण
- वजन का अचानक बढ़ना या घटना
- अत्यधिक थकान
- मासिक धर्म में अनियमितता
- हृदय गति में परिवर्तन
- बालों का झड़ना
- पाचन और तंत्रिका संबंधी समस्याएं
थायराइड होने के मुख्य कारण
- हार्मोनल परिवर्तन: गर्भावस्था, रजोनिवृत्ति, और मासिक धर्म चक्र में असंतुलन।
- स्वप्रतिरक्षी विकार: हाशिमोटो थायरायडाइटिस और ग्रेव्स रोग।
- आनुवंशिकता: परिवार में थायराइड की समस्या होने की प्रवृत्ति।
- आयोडीन की कमी या अधिकता: आहार में असंतुलन।
- अन्य कारण: तनाव, वायरल संक्रमण, और डिलीवरी के बाद शरीर में बदलाव।
इलाज और सावधानियां
एम्स के डॉक्टरों का कहना है कि थायराइड का इलाज लंबा चलता है और इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। दवाओं, सर्जरी, या रेडियोएक्टिव आयोडीन जैसे उपचार थायराइड के स्तर के आधार पर दिए जाते हैं।
दवा लेने के सुझाव
- सुबह खाली पेट दवा लें।
- दवा के बाद एक घंटे तक चाय, कॉफी या कोई अन्य भोजन न करें।
- डॉक्टर की सलाह के बिना दवा बंद न करें।
सालाना जांच की जरूरत
विशेषज्ञों का सुझाव है कि यदि किसी व्यक्ति में थायराइड के लक्षण दिखते हैं, तो साल में एक बार जांच अवश्य करानी चाहिए।
सरकारी प्रयास
आयोडिन की कमी थायराइड का प्रमुख कारण है। इस समस्या से निपटने के लिए सरकार ने कई बड़े अभियान शुरू किए हैं। इन अभियानों के तहत आयोडिन युक्त नमक का उपयोग और थायराइड के प्रति जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया गया है।
थायराइड एक गंभीर समस्या है जिसे अनदेखा करना स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है। सही समय पर जांच और इलाज न केवल स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं, बल्कि जीवनशैली में सुधार के साथ इसे नियंत्रित भी किया जा सकता है।