India News (इंडिया न्यूज), Tooth Decay: दांतों की सड़न या डेंटल कैरीज़ (Dental Caries) भारत में सबसे आम समस्याओं में से एक है। एक हालिया अध्ययन के अनुसार, हर तीसरा भारतीय इस समस्या से ग्रसित है, लेकिन 70% लोग यह समझ ही नहीं पाते कि उनके दांत आखिर सड़ क्यों रहे हैं। आइए, इस समस्या के कारण, लक्षण, और बचाव के तरीकों को विस्तार से समझते हैं।


दांत सड़ने के मुख्य कारण

दांतों की सड़न का मुख्य कारण मुंह में मौजूद बैक्टीरिया और खराब स्वच्छता है। जब हम भोजन करते हैं, विशेष रूप से शर्करा और कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थ, तो बैक्टीरिया इन्हें तोड़कर एसिड का निर्माण करते हैं। यह एसिड दांतों के इनेमल को कमजोर कर देता है, जिससे धीरे-धीरे कैविटी बनने लगती है।

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अन्य प्रमुख कारण:

  1. अनियमित ब्रशिंग और फ्लॉसिंग: यदि दांतों की सफाई सही तरीके से न की जाए, तो भोजन के कण दांतों के बीच फंस जाते हैं।
  2. चीनी का अधिक सेवन: मीठा खाने और पीने से बैक्टीरिया के लिए पोषण का स्रोत मिलता है।
  3. फ्लोराइड की कमी: फ्लोराइड दांतों की सुरक्षा करता है। इसकी कमी से दांत जल्दी खराब हो सकते हैं।
  4. स्मोकिंग और तंबाकू: तंबाकू के उत्पाद न केवल दांतों को पीला करते हैं, बल्कि उनकी सड़न को भी तेज कर सकते हैं।
  5. सूखा मुंह (Dry Mouth): लार दांतों को साफ रखने में मदद करती है। जब लार कम बनती है, तो बैक्टीरिया तेजी से फैलते हैं।

लक्षण जिन पर ध्यान देना चाहिए

दांतों की सड़न का पता लगाना कई बार मुश्किल हो सकता है, लेकिन निम्नलिखित लक्षणों पर ध्यान देना जरूरी है:

  • दांतों में दर्द, खासकर कुछ ठंडा, गर्म या मीठा खाने पर।
  • मसूड़ों से खून आना।
  • दांतों पर काले, भूरे या सफेद धब्बे।
  • सांसों में बदबू।
  • चबाने में दिक्कत।

यदि इन लक्षणों को नजरअंदाज किया जाए, तो दांतों की सड़न बढ़कर मसूड़ों की बीमारी और यहां तक कि दांत खोने का कारण भी बन सकती है।

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दांत सड़ने से बचाव के उपाय

1. नियमित दांतों की सफाई करें:

दिन में कम से कम दो बार ब्रश करें। फ्लॉसिंग और माउथवॉश का इस्तेमाल भी जरूरी है।

2. फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट का इस्तेमाल करें:

फ्लोराइड दांतों को मजबूत बनाने और बैक्टीरिया से बचाने में मदद करता है।

3. चीनी और स्टार्चयुक्त खाद्य पदार्थों का सेवन सीमित करें:

मीठे और चिपचिपे खाद्य पदार्थ जैसे चॉकलेट, केक और कोल्ड ड्रिंक से बचें।

4. नियमित डेंटल चेकअप कराएं:

हर छह महीने में दंत चिकित्सक से परामर्श लें। शुरुआती चरण में समस्या का पता लगाकर इसे बढ़ने से रोका जा सकता है।

5. लार बढ़ाने वाले उपाय अपनाएं:

सूखे मुंह से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं और च्युइंग गम चबाएं।

6. तंबाकू और शराब से दूर रहें:

इनका सेवन न केवल दांतों, बल्कि समग्र स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचाता है।

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दांतों की सड़न के स्वास्थ्य पर प्रभाव

दांतों की सड़न केवल मुंह तक सीमित नहीं रहती। यदि समय पर इलाज न किया जाए, तो यह समस्या गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है, जैसे:

  • हृदय रोग: मुंह के बैक्टीरिया रक्तप्रवाह में जाकर दिल की बीमारियां पैदा कर सकते हैं।
  • डायबिटीज का नियंत्रण मुश्किल होना।
  • गर्भावस्था में जटिलताएं।

दांतों की सड़न एक गंभीर लेकिन रोकथाम योग्य समस्या है। इसकी मुख्य वजह जागरूकता की कमी और सही आदतों का पालन न करना है। अगर हम अपने दांतों की देखभाल सही तरीके से करें और दंत चिकित्सक से नियमित परामर्श लें, तो न केवल अपने दांतों, बल्कि समग्र स्वास्थ्य को भी बेहतर बना सकते हैं।

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