India News (इंडिया न्यूज), Kidney Failure Signs: हमारे शरीर का हर अंग महत्वपूर्ण है, लेकिन किडनी की भूमिका विशेष है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों और अतिरिक्त तरल को बाहर निकालती है, जो शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है। हालांकि, कई बार किडनी खराब होने लगती है, और इसके शुरुआती संकेत अक्सर पैरों में नजर आते हैं। इन संकेतों को नजरअंदाज करना गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है। आइए जानते हैं, पैरों से जुड़े कौन-कौन से लक्षण किडनी की समस्या की ओर इशारा कर सकते हैं।
1. पैरों में सूजन:
सुबह उठते ही अगर आपके पैरों, टखनों या पंजों में सूजन नजर आए, तो इसे सामान्य थकान समझकर नजरअंदाज न करें। जब किडनी शरीर से अतिरिक्त सोडियम को बाहर नहीं निकाल पाती, तो यह पैरों में जमा होने लगता है, जिससे सूजन होती है। यह किडनी फेलियर का प्रारंभिक संकेत हो सकता है।
2. पैरों में बार-बार ऐंठन:
किडनी के ठीक से काम न करने पर शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स का संतुलन बिगड़ जाता है। इसका असर पैरों की मांसपेशियों पर पड़ता है, जिससे ऐंठन या क्रैम्प होने लगते हैं। अगर यह समस्या बार-बार और बिना किसी स्पष्ट कारण के हो रही है, तो सतर्क हो जाना जरूरी है।
3. पैरों की त्वचा पर खुश्की और खुजली:
किडनी का एक मुख्य कार्य है, शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालना। जब यह प्रक्रिया धीमी हो जाती है, तो शरीर में टॉक्सिन्स जमा होने लगते हैं। इसका असर त्वचा पर दिखाई देता है, विशेषकर पैरों की त्वचा पर। खुश्की और खुजली जैसे लक्षण किडनी की खराबी का संकेत हो सकते हैं।
4. पैरों में झनझनाहट या सुन्नपन:
किडनी की समस्या का असर नसों पर भी पड़ता है। इसके चलते पैरों में झनझनाहट, चुभन या सुन्नपन महसूस हो सकता है। यह समस्या लंबे समय तक बनी रहे, तो इसे हल्के में न लें।
कब जाएं डॉक्टर के पास?
अगर उपरोक्त लक्षणों में से कोई भी 5-7 दिनों तक लगातार दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। शुरुआती जांच के लिए यूरिन टेस्ट और ब्लड रिपोर्ट काफी उपयोगी हो सकते हैं।
किडनी की समस्या के प्रति जागरूकता:
किडनी की बीमारी अक्सर धीरे-धीरे बढ़ती है। जब तक इसके स्पष्ट लक्षण दिखाई देते हैं, तब तक यह गंभीर स्थिति में पहुंच चुकी होती है। इसलिए जरूरी है कि शरीर के छोटे-छोटे संकेतों पर ध्यान दें, खासकर जब वे पैरों के जरिए मिलें।
किडनी की सेहत के लिए समय पर सतर्कता बेहद जरूरी है। पैरों में सूजन, ऐंठन, खुजली, या झनझनाहट जैसे लक्षणों को हल्के में न लें। समय रहते डॉक्टर से परामर्श लें और उचित जांच करवाएं। आपका एक कदम आपको गंभीर बीमारी से बचा सकता है।