India News (इंडिया न्यूज), Water Intake By Age: गर्मियों में प्यास अधिक लगती है और हर कोई यही मानता है कि जितना ज्यादा पानी पिएंगे, उतना बेहतर रहेगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जरूरत से ज्यादा पानी पीना भी आपकी सेहत के लिए खतरा बन सकता है? हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि शरीर को हाइड्रेट रखना ज़रूरी तो है, लेकिन इसकी मात्रा उम्र, लिंग और गतिविधि के स्तर के आधार पर तय की जानी चाहिए।
पानी की भूमिका शरीर में बेहद अहम
पानी की भूमिका शरीर में बेहद अहम होती है। यह शरीर के तापमान को नियंत्रित करने, पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने, मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को सुचारु बनाने और शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। लेकिन डिहाइड्रेशन की तरह ही ओवरहाइड्रेशन भी खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि हर व्यक्ति को यह जानकारी हो कि उसे रोजाना कितनी मात्रा में पानी पीना चाहिए।
पानी पीने से सेहत पर असर
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी न पीने से सिरदर्द, थकान, कब्ज, मूत्र मार्ग में संक्रमण, एकाग्रता में कमी और मानसिक भ्रम जैसी समस्याएं हो सकती हैं। खासतौर पर गर्मियों में शरीर से पानी की मात्रा तेजी से घटती है, जिससे डिहाइड्रेशन की संभावना बढ़ जाती है।
हर उम्र के लिए अलग होती है ज़रूरत
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार पानी की सही मात्रा व्यक्ति की उम्र और लिंग पर निर्भर करती है। छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, सबकी हाइड्रेशन ज़रूरतें अलग होती हैं।
4 से 8 साल के बच्चे
इस उम्र के बच्चों को रोजाना करीब 1.2 लीटर (करीब डेढ़ लीटर) तरल पदार्थ लेने चाहिए। उनके शरीर का विकास हो रहा होता है और हाइड्रेशन मस्तिष्क, पाचन और शरीर की कार्यप्रणाली के लिए जरूरी है।
9 से 18 साल के बच्चे
किशोरावस्था में हार्मोनल बदलाव और शारीरिक गतिविधियों के कारण हाइड्रेशन की आवश्यकता बढ़ जाती है। लड़कों के लिए रोजाना 1.6 से 1.9 लीटर और लड़कियों के लिए लगभग 1.5 लीटर पानी पीना जरूरी है। पुरुषों को प्रतिदिन 2 लीटर, महिलाओं को लगभग 1.6 लीटर पानी पीना चाहिए। हालांकि यह मात्रा शारीरिक गतिविधियों, मौसम और खानपान के अनुसार कम-ज्यादा हो सकती है।
60 वर्ष से अधिक उम्र के लोग
उम्र बढ़ने के साथ प्यास की अनुभूति कम हो जाती है, जिससे डिहाइड्रेशन का खतरा अधिक होता है। ऐसे में 60 साल से ऊपर के पुरुष और महिलाएं रोजाना 1.5 से 2 लीटर पानी पिएं।
एक्सपर्ट्स की सलाह
हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि पानी की सही मात्रा व्यक्ति की एक्टिविटी, वातावरण और शरीर की ज़रूरतों के हिसाब से तय होनी चाहिए। इसके लिए शरीर के संकेतों को पहचानना जरूरी है। अगर यूरिन का रंग गाढ़ा हो, बार-बार प्यास लगे या थकावट महसूस हो तो यह संकेत हो सकता है कि शरीर में पानी की कमी है। सिर्फ सादा पानी ही नहीं, दूध, छाछ, सूप, फलों का रस और पानी युक्त फल जैसे तरबूज और खीरा भी शरीर को हाइड्रेट रखने में मददगार हैं।
सेहतमंद रहने के लिए पानी जरुरी
सेहतमंद रहने के लिए पानी जरूरी है, लेकिन उसकी मात्रा सीमित और संतुलित होनी चाहिए। जितना ज़रूरी है डिहाइड्रेशन से बचना, उतना ही ज़रूरी है ओवरहाइड्रेशन से भी सतर्क रहना। सही मात्रा में पानी पीकर न सिर्फ शरीर को ऊर्जा दी जा सकती है, बल्कि कई बीमारियों से भी बचा जा सकता है।