India News (इंडिया न्यूज), Oral Cancer Symptoms: कैंसर एक गंभीर बीमारी है, जो दुनियाभर में लाखों लोगों को प्रभावित कर रही है। यह शरीर के कई अंगों में फैल सकता है और पनप सकता है। इनमें से एक खतरनाक प्रकार है “ओरल कैंसर” या मुंह का कैंसर। हाल के वर्षों में, इसके मामले तेजी से बढ़े हैं, विशेष रूप से युवाओं और महिलाओं में। यह लेख आपको ओरल कैंसर के कारण, लक्षण, रोकथाम और इलाज के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेगा।
ओरल कैंसर क्या है?
ओरल कैंसर वह स्थिति है, जिसमें कैंसर मुंह के अंदर शुरू होता है। यह दांत, मसूड़े, गाल, जीभ और जीभ के तलवे में विकसित हो सकता है। इसके अलावा, टॉन्सिल और लार ग्रंथियां भी इस कैंसर से प्रभावित हो सकती हैं।
ओरल कैंसर का प्रमुख कारण तंबाकू और शराब का सेवन है, लेकिन यह अन्य कारणों से भी हो सकता है। इसमें मुंह के अंदर घाव या छाले विकसित होते हैं, जो समय पर न पहचाने जाएं तो जानलेवा साबित हो सकते हैं।
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ओरल कैंसर के लक्षण
- मुंह के घाव: ऐसे घाव या छाले जो दो सप्ताह से अधिक समय तक ठीक न हों।
- गांठ या सूजन: जीभ या मुंह के किसी हिस्से में गांठ या सूजन।
- निगलने और बोलने में कठिनाई: खाने, बोलने या चबाने में परेशानी।
- रंगीन पैच: मुंह के अंदर सफेद, लाल या मिक्सड रंग के पैच।
- दांतों की समस्या: बिना कारण दांतों का हिलना या गिरना।
- खून आना: मुंह से खून आना या सुन्नता महसूस होना।
- वजन में गिरावट: बिना किसी स्पष्ट कारण के वजन कम होना।
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ओरल कैंसर के मुख्य कारण
- तंबाकू और गुटखा:
- तंबाकू में निकोटीन, टार और अन्य रसायन होते हैं जो सेल्स के डीएनए को नुकसान पहुंचाते हैं।
- लंबे समय तक तंबाकू चबाने से मुंह की कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं।
- शराब का सेवन:
- शराब मुंह की सतह को कमजोर बनाती है, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ता है।
- तंबाकू और शराब का संयोजन जोखिम को और बढ़ा देता है।
- HPV संक्रमण:
- ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) एक यौन संचारित वायरस है, जो ओरल सेक्स के जरिए फैलता है।
- यह गले और टॉन्सिल में कैंसर का कारण बन सकता है।
- खराब ओरल हाइजीन:
- लंबे समय तक ठीक न होने वाले छाले और दांतों की खराब स्थिति जोखिम को बढ़ाते हैं।
- गलत फिटिंग वाले डेंचर या बार-बार मुंह में चोट लगने से भी कैंसर हो सकता है।
- अनहेल्दी लाइफस्टाइल:
- पौष्टिक आहार की कमी से इम्यूनिटी कमजोर होती है, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ता है।
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ओरल कैंसर का इलाज
डॉ. कुमारदीप (एक्शन कैंसर अस्पताल, नई दिल्ली) के अनुसार, इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि कैंसर कितना फैल चुका है।
- सर्जरी:
- ट्यूमर को हटाने के लिए सर्जरी की जाती है।
- रेडियोथेरेपी:
- कैंसर के हल्के मामलों में रेडियोथेरेपी प्रभावी हो सकती है।
- कीमोथेरेपी:
- ट्यूमर को सिकोड़ने या खत्म करने के लिए कीमोथेरेपी का उपयोग किया जाता है।
- डायग्नोस्टिक टेस्ट:
- सीटी स्कैन और एमआरआई से कैंसर की प्रगति का पता लगाया जाता है।
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सेल्फ टेस्टिंग कैसे करें?
- आईने का उपयोग करें:
- किसी रोशनीदार कमरे में आईना लेकर होंठों के अंदर और बाहर देखें।
- लाल, सफेद या गहरे रंग के पैच को नजरअंदाज न करें।
- गाल और होंठ जांचें:
- गालों के अंदर और होंठों के कोनों पर किसी गांठ या असामान्यता को देखें।
- जीभ की जांच करें:
- जीभ को चारों ओर घुमाकर देखें कि कहीं कोई घाव, सूजन या रंग बदलने की समस्या तो नहीं है।
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रोकथाम के घरेलू उपाय
- स्वस्थ आहार:
- विटामिन-युक्त भोजन और फलों का सेवन करें।
- वजन नियंत्रित रखें:
- नियमित योग और ध्यान को दिनचर्या में शामिल करें।
- धूप से बचाव:
- सूर्य की सीधी किरणों से बचें।
- तंबाकू और शराब से परहेज:
- इन हानिकारक आदतों को छोड़ें।
- ओरल हाइजीन का ध्यान रखें:
- दांतों की सफाई पर विशेष ध्यान दें और डेंटिस्ट से नियमित जांच करवाएं।
ओरल कैंसर एक गंभीर समस्या है, लेकिन सही जानकारी और सावधानियों से इसे रोका जा सकता है। स्वस्थ जीवनशैली और नियमित जांच से आप इस घातक बीमारी से खुद को सुरक्षित रख सकते हैं।