India News (इंडिया न्यूज), Cardiac Arrest Causes And Symptoms: हाल के दिनों में अचानक मौत के मामलों में तेजी से वृद्धि देखने को मिली है। नाचते हुए, जिम में एक्सरसाइज करते हुए या ट्रेडमिल पर दौड़ते हुए लोगों का अचानक गिरकर दम तोड़ देना सडन कार्डियक अरेस्ट के बढ़ते मामलों की ओर इशारा करता है। इन घटनाओं का मुख्य कारण एरिथमिया और लॉन्ग क्यूटी सिंड्रोम जैसे हृदय संबंधी समस्याओं को माना जा रहा है। इस लेख में हम डॉक्टर बलबीर सिंह (चेयरमैन, कार्डियक साइंस, मैक्स हॉस्पिटल) से प्राप्त जानकारी के आधार पर सडन कार्डियक अरेस्ट के कारण, लक्षण, और इससे बचने के उपायों पर चर्चा करेंगे।

अचानक मौत के प्रमुख कारण

डॉ. बलबीर सिंह के अनुसार, सडन कार्डियक अरेस्ट के पीछे मुख्य कारण निम्नलिखित हो सकते हैं:

  1. एरिथमिया: जब व्यक्ति सोते-सोते ही दम तोड़ देता है, इसका मुख्य कारण एरिथमिया होता है। यह स्थिति दिल की धड़कनों में अनियमितता के कारण होती है।
  2. लॉन्ग क्यूटी सिंड्रोम: किसी व्यक्ति का नाचते, जिम करते, या अन्य शारीरिक गतिविधियों के दौरान अचानक गिरकर मर जाना लॉन्ग क्यूटी सिंड्रोम का संकेत हो सकता है।
  3. जेनेटिक सिंड्रोम: कुछ आनुवांशिक कारण भी हृदय की धड़कन को रोक सकते हैं।
  4. खराब कोलेस्ट्रॉल: शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने से दिल की रक्त वाहिकाओं में रुकावट आती है, जो अचानक मौत का कारण बन सकती है।
  5. हार्ट हिस्ट्री का प्रभाव: जिन लोगों के परिवार में दिल की बीमारी का इतिहास होता है, उनके हृदय रोग और कार्डियक अरेस्ट का जोखिम अधिक होता है।

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हाई-सेंसिटिविटी सी-रिएक्टिव प्रोटीन टेस्ट (HSCRP)

सडन कार्डियक अरेस्ट की संभावना को कम करने के लिए हाई-सेंसिटिविटी सी-रिएक्टिव प्रोटीन टेस्ट (HSCRP) एक महत्वपूर्ण उपकरण है।

  • सीआरपी क्या है: यह एक प्रोटीन है जिसे लिवर बनाता है और यह शरीर में सूजन होने पर बढ़ता है।
  • HSCRP का महत्व: यह टेस्ट सीआरपी के स्तर को अधिक संवेदनशीलता के साथ मापता है और हृदय व धमनी संबंधी समस्याओं की पहचान करता है।
  • फायदे: इस टेस्ट से डॉक्टर हृदय रोग और कार्डियक अरेस्ट के खतरे को कम करने के उपाय सुझा सकते हैं।

कार्डियक अरेस्ट क्या है?

जब हृदय अचानक और अप्रत्याशित रूप से रक्त पंप करना बंद कर देता है, तो यह स्थिति कार्डियक अरेस्ट कहलाती है। इसके कारण मस्तिष्क और अन्य अंगों में रक्त प्रवाह रुक जाता है।

  • मुख्य कारण: दिल की धड़कनों का अनियमित होना (अर्यथमिया)।
  • खतरा: कार्डियक अरेस्ट हार्ट अटैक से अधिक गंभीर और जानलेवा स्थिति है।

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कार्डियक अरेस्ट के लक्षण

कार्डियक अरेस्ट के लक्षण अक्सर अचानक और गंभीर होते हैं। इन्हें समझना और समय रहते पहचानना महत्वपूर्ण है।

  1. अचानक व्यक्ति का बेहोश होना।
  2. सांस लेने में कठिनाई या तकलीफ।
  3. छाती में दर्द या भारीपन महसूस होना।
  4. दिल की धड़कनों का असामान्य रूप से तेज या धीमा होना।
  5. थकान या चक्कर आना।
  6. जी मिचलाना।

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कार्डियक अरेस्ट से बचाव के उपाय

सडन कार्डियक अरेस्ट से बचाव के लिए निम्नलिखित सावधानियां और उपाय अपनाए जा सकते हैं:

  1. नियमित स्वास्थ्य जांच: हाई-सेंसिटिविटी सीआरपी टेस्ट और अन्य हृदय संबंधी जांच समय-समय पर कराएं।
  2. संतुलित आहार: कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रखने के लिए स्वस्थ आहार लें।
  3. व्यायाम: नियमित व्यायाम करें लेकिन अत्यधिक शारीरिक श्रम से बचें।
  4. तनाव प्रबंधन: मानसिक तनाव को नियंत्रित रखने के लिए ध्यान और योग का सहारा लें।
  5. परिवारिक इतिहास पर ध्यान दें: यदि आपके परिवार में हृदय रोग का इतिहास है, तो डॉक्टर से सलाह लें।
  6. लक्षणों को नजरअंदाज न करें: यदि कोई भी लक्षण महसूस हो तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें।

सडन कार्डियक अरेस्ट एक गंभीर और जानलेवा स्थिति है जिसे समय पर पहचान और उचित उपायों से रोका जा सकता है। जागरूकता, नियमित स्वास्थ्य जांच, और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर आप इस जोखिम को काफी हद तक कम कर सकते हैं। हृदय स्वास्थ्य का ध्यान रखें और लक्षणों को कभी भी नजरअंदाज न करें।

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