India News (इंडिया न्यूज), Water Chestnut And Jowar Flour Benefits: थायराइड की समस्या आजकल महिलाओं में तेजी से बढ़ रही है। यह समस्या तब होती है जब थायराइड ग्रंथि सही से काम नहीं करती। अनियमित जीवनशैली, गलत खान-पान और हार्मोनल असंतुलन इसके प्रमुख कारण हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि हाइपोथायराइड और हाइपरथायराइड से ग्रस्त महिलाओं को अपने आहार और दिनचर्या में बदलाव लाने की जरूरत होती है।

आयुर्वेदिक विशेषज्ञ और द कदंब ट्री की संस्थापक, डॉक्टर दीक्षा भावसार, का मानना है कि थायराइड को नियंत्रित करने में खान-पान का अहम योगदान है। उन्होंने इस समस्या से निपटने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं।

गेहूं की जगह खास आटे का उपयोग

डॉ. दीक्षा बताती हैं कि थायराइड के मरीजों को गेहूं के आटे की रोटी से परहेज करना चाहिए। गेहूं में ग्लूटन होता है, जिसे पचाना गट (आंत) के लिए मुश्किल होता है। इसके स्थान पर मिलेट्स (बाजरा), राजगिरा, सिंघाड़ा और ज्वार के आटे की रोटियां फायदेमंद साबित हो सकती हैं।

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इन आटों के लाभ:

  1. राजगिरा का आटा:
    • मोटापा कम करने में मददगार।
    • बेली फैट घटाने में प्रभावी।
    • आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, और प्रोटीन से भरपूर।
  2. ज्वार का आटा:
    • फाइबर, प्रोटीन और जरूरी मिनरल्स का बेहतरीन स्रोत।
    • थायराइड फंक्शन को सुधारने और वजन घटाने में सहायक।
  3. सिंघाड़े का आटा:
    • आयोडीन और मैंगनीज का अच्छा स्रोत।
    • डाइजेशन बेहतर करता है।
    • वजन कम करने में कारगर।

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थायराइड को नियंत्रित करने के अन्य उपाय:

  1. स्ट्रेस से बचें: तनाव हार्मोनल असंतुलन को बढ़ा सकता है, जिससे थायराइड पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
  2. खान-पान की टाइमिंग सही रखें: नियमित समय पर भोजन करना और प्रोसेस्ड फूड्स से बचना फायदेमंद होता है।
  3. हेल्दी डाइट अपनाएं: फलों, सब्जियों और नट्स को आहार में शामिल करें। ये शरीर को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करते हैं।

आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से, थायराइड का उपचार सिर्फ दवाइयों पर निर्भर नहीं है। सही खान-पान, योग और ध्यान का पालन करके इस समस्या को बेहतर तरीके से मैनेज किया जा सकता है।

थायराइड एक गंभीर समस्या हो सकती है, लेकिन सही खान-पान और जीवनशैली अपनाकर इसे नियंत्रित किया जा सकता है। राजगिरा, ज्वार और सिंघाड़े के आटे से बनी रोटियां न केवल थायराइड फंक्शन को सुधारती हैं, बल्कि वजन घटाने और मेटाबॉलिज्म बढ़ाने में भी सहायक होती हैं। डॉक्टर दीक्षा के सुझावों को अपनाकर आप अपने थायराइड को बेहतर तरीके से मैनेज कर सकते हैं।

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