India News (इंडिया न्यूज), Good Cholesterol: कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर के लिए ज़रूरी होता है, लेकिन इसका संतुलित स्तर बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। कोलेस्ट्रॉल मुख्यतः दो प्रकार का होता है – अच्छा कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) और खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल)। इसके अलावा, कुल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर भी महत्वपूर्ण होता है। यदि इनका स्तर असंतुलित हो जाए, तो यह हृदय संबंधी बीमारियों का कारण बन सकता है। आइए विस्तार से जानते हैं कि ब्लड में कोलेस्ट्रॉल का सही स्तर कितना होना चाहिए।

अच्छा (गुड) कोलेस्ट्रॉल – एचडीएल

एचडीएल (हाई-डेंसिटी लिपोप्रोटीन) को अच्छा कोलेस्ट्रॉल माना जाता है क्योंकि यह खराब कोलेस्ट्रॉल को हटाने में मदद करता है।

  • आदर्श स्तर: 60 मिलीग्राम प्रति डेसीलिटर (एमजी/डीएल) या इससे अधिक होना चाहिए।
  • कम स्तर का खतरा: यदि एचडीएल 40 एमजी/डीएल से कम हो जाए, तो हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है।
  • फायदे: एचडीएल का उच्च स्तर हृदय रोग और स्ट्रोक जैसी बीमारियों से बचाव करता है।

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खराब (बैड) कोलेस्ट्रॉल – एलडीएल

एलडीएल (लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन) को खराब कोलेस्ट्रॉल माना जाता है क्योंकि यह धमनियों में प्लाक बनाकर ब्लॉकेज उत्पन्न कर सकता है।

  • आदर्श स्तर: 100 एमजी/डीएल से कम होना चाहिए।
  • खतरनाक स्तर: 160 एमजी/डीएल से अधिक एलडीएल हृदय रोगों का जोखिम बढ़ाता है।
  • नियंत्रण के उपाय: संतुलित आहार और नियमित व्यायाम से एलडीएल को नियंत्रित किया जा सकता है।

कुल कोलेस्ट्रॉल का स्तर

  • आदर्श स्तर: 200 एमजी/डीएल से कम होना चाहिए।
  • जोखिम का स्तर: 200-239 एमजी/डीएल के बीच बॉर्डरलाइन माना जाता है।
  • खतरनाक स्तर: 240 एमजी/डीएल या इससे अधिक होने पर हृदय रोगों की संभावना बढ़ जाती है।

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ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर

ट्राइग्लिसराइड्स वसा का एक प्रकार है, जो ऊर्जा प्रदान करता है लेकिन इसका उच्च स्तर हानिकारक हो सकता है।

  • आदर्श स्तर: 150 एमजी/डीएल से कम होना चाहिए।
  • जोखिम का स्तर: 150-199 एमजी/डीएल बॉर्डरलाइन माना जाता है।
  • खतरनाक स्तर: 200 एमजी/डीएल से अधिक होने पर यह हृदय रोगों का संकेत दे सकता है।

क्यों ज़रूरी है कोलेस्ट्रॉल का संतुलन?

जब ब्लड में गुड कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) का स्तर सही रहता है, तो यह बैड कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) को कम करने में सहायक होता है। इससे हृदय स्वस्थ रहता है और स्ट्रोक जैसी घातक बीमारियों की संभावना कम हो जाती है।

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क्या करें और क्या न करें?

क्या करें:

  • हरी सब्जियाँ और फाइबर युक्त भोजन करें।
  • ओमेगा-3 युक्त खाद्य पदार्थ जैसे अखरोट और मछली का सेवन करें।
  • नियमित व्यायाम और योग अपनाएँ।
  • धूम्रपान और शराब से बचें।

क्या न करें:

  • अधिक तली-भुनी और जंक फूड खाने से बचें।
  • अत्यधिक मीठे और प्रोसेस्ड फूड से दूरी बनाए रखें।
  • अधिक तनाव न लें, क्योंकि यह कोलेस्ट्रॉल स्तर को प्रभावित कर सकता है।

यदि कुल कोलेस्ट्रॉल का स्तर 300 एमजी/डीएल या इससे अधिक हो जाता है, तो यह बेहद खतरनाक स्थिति होती है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए, कोलेस्ट्रॉल के सही स्तर को बनाए रखना बेहद ज़रूरी है। संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर हम अपने हृदय को स्वस्थ रख सकते हैं।

स्वस्थ रहें, सुरक्षित रहें!

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