India News (इंडिया न्यूज), Causes of High Blood Sugar: स्वस्थ जीवनशैली को बनाए रखने के लिए सोने की आदतों का विशेष महत्व होता है। HIIMS के प्रसिद्ध डॉक्टर आचार्य मनीष के अनुसार, रात में लाइट जलाकर सोने से शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, विशेष रूप से डायबिटीज के मरीजों के लिए। इस लेख में हम समझेंगे कि रात में रोशनी के संपर्क में रहने से हमारे शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है और इसे कैसे नियंत्रित किया जा सकता है।
रात में लाइट जलाने के दुष्प्रभाव
- मस्तिष्क की कार्यप्रणाली पर असर
जब रात में लाइट जलती रहती है, तो हमारा मस्तिष्क इसे दिन का संकेत मानता है और हार्मोन उत्पादन की प्रक्रिया शुरू कर देता है। इससे शरीर की प्राकृतिक जैविक घड़ी (सर्केडियन रिदम) बाधित होती है, जिससे नींद की गुणवत्ता पर असर पड़ता है। - पैंक्रियाज पर अतिरिक्त दबाव
लाइट जलने से पैंक्रियाज अधिक मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन करने लगता है। यह प्रक्रिया धीरे-धीरे इंसुलिन रेजिस्टेंस का कारण बन सकती है, जिससे शरीर में ब्लड शुगर नियंत्रण प्रभावित होता है। - इंसुलिन रेजिस्टेंस और सूजन का खतरा
लगातार अधिक इंसुलिन उत्पादन के कारण पैंक्रियाज पर अत्यधिक दबाव पड़ता है, जिससे उसमें सूजन आ सकती है। यह स्थिति शरीर के लिए हानिकारक हो सकती है क्योंकि इससे ब्लड में इंसुलिन का संतुलन बिगड़ सकता है। - डायबिटीज मरीजों के लिए गंभीर समस्या
जिन लोगों को डायबिटीज की समस्या है, उनके लिए रात में जलती हुई रोशनी और भी ज्यादा नुकसानदायक हो सकती है। पैंक्रियाज का असंतुलित कार्य करना डायबिटीज को और अधिक बढ़ा सकता है। इसलिए, उन्हें विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए कि वे सोते समय रोशनी को बंद रखें।
समाधान: कैसे बचें इन समस्याओं से?
- बाथरूम में जीरो वॉट का बल्ब लगाएं: यदि रात में बाथरूम जाने की जरूरत होती है, तो वहां पर कम रोशनी वाला बल्ब (शून्य वाट का बल्ब) लगाएं ताकि मस्तिष्क को दिन का अहसास न हो।
- सोते समय पूर्ण अंधकार बनाए रखें: सोने के कमरे में अधिकतम अंधकार बनाए रखें ताकि नींद की गुणवत्ता बेहतर हो और हार्मोन संतुलन बना रहे।
- डिजिटल डिवाइसेज़ से बचें: मोबाइल, टीवी और लैपटॉप की स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी भी हार्मोनल असंतुलन पैदा कर सकती है। इसलिए, सोने से कम से कम एक घंटा पहले इनका उपयोग बंद कर दें।
- स्वस्थ आहार का पालन करें: संतुलित और पोषक आहार का सेवन करें जिससे पैंक्रियाज की कार्यक्षमता बनी रहे। हरी सब्जियां, फाइबर युक्त भोजन और कम शर्करा वाले आहार का सेवन करें।
रात में लाइट जलाकर सोना केवल एक साधारण सी आदत नहीं है, बल्कि इसका हमारे स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है। विशेष रूप से डायबिटीज के मरीजों को इस आदत से बचने की जरूरत है। सही आदतों को अपनाकर और सोने के माहौल को अनुकूल बनाकर हम न केवल बेहतर नींद प्राप्त कर सकते हैं बल्कि अपने शरीर को भी स्वस्थ रख सकते हैं।