India News (इंडिया न्यूज़),Bhota Hospital: हिमाचल के हमीरपुर में  राधा स्वामी चैरिटेबल अस्पताल को लेकर मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। दरअसल बीते दिन हमीरपुर जिले के भोटा में राधा स्वामी चैरिटेबल अस्पताल को बंद करने की खबर सामने आई थी। अब इसको लेकर सीएम सुक्खू सरकार लगातार घिरती नजर आ रही है। इसको लेकर लोग गुस्से में है। सड़कों पर उतरकर लोग अस्पताल को बंद करने के खिलाफ धरना प्रदर्शन दे रहे हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं आखिर लोग क्यों भड़के हुए है और इस अस्पताल के बंद का विरोध कर रहे हैं।

क्यों भड़क रहे लोग

हमीरपुर जिले के भोटा स्थित राधा स्वामी चैरिटेबल अस्पताल को बंद करने के फैसले के बाद सीएम सुक्खू सरकार आलोचनाओं का सामना कर रही है। अस्पताल के बंद होने के फैसले पर स्थानीय जनता में गहरा आक्रोश देखा जा रहा है, और लोग सड़कों पर उतरकर इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि ये अस्पताल उनके लिए जरूरी है। लोगों का कहना है कि, अस्पताल क्षेत्र की पंचायतों और आसपास के गांवों के लोगों के लिए ये अस्पताल बहुत जरूरी है। इस अस्पातल में  लोगों को मुफ्त में इलाज मिलता है।

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क्या है प्रदर्शन कर रहे लोगों की मांग

प्रदर्शनकारियों की मांग है कि सरकार इस फैसले पर दोबारा विचार करें और अस्पताल को फिर से चालू किया जाए, ताकि स्थानीय लोगों को मुफ्त मेडिकल सेवाएं मिलती रहें। जनता का यह भी कहना है कि अस्पताल बंद होने से गरीब और जरूरतमंद लोगों को इलाज में मुश्किलें आएंगी। इस मुद्दे ने सीएम सुक्खू सरकार को घेर लिया है, और राजनीतिक दबाव बढ़ता जा रहा है।

सुक्खू सरकार क्यो ले रही टैक्स

मिली जानकारी के अनुसार, ब्यास प्रबंधन की ओर से 45 बेड की सुविधा वाले इस अस्पताल को अपग्रेड करने की योजना बनाई गई थी।  इस अस्पताल को अपग्रेड करने के तहत जमीन को महाराज जगत सिंह रिलीफ सोसायटी के नाम हस्तांतरित करने का सरकार से आग्रह किया गया था। जिसके चलते ही इस अस्पताल को अपग्रेड करने के लिए मशीनरी और अन्य जरूरी चीजों की खरीद के लिए टैक्स का भुगतान  करोड़ों रुपये में बन रहा है।

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सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, इस प्रदर्शन में शामिल लोगों का कहना है कि, “सरकार राधा स्वामी चैरिटेबल अस्पताल से टैक्स मांग रही है, जबकि अस्पताल हमीरपुर के लोगों की फ्री सेवा कर रहा है। ऐसे में अस्पताल किस चीज का टैक्स सरकार को देगा? उन्होंने कहा है कि, सीएम सुक्खू गंभीरता से इस विषय को देखें और हमीरपुर की जनता की समस्या को समझे, ताकी लोगों को आगे भी इस अस्पातल का लाभ मिलता रहे। मुफ्त में यहां के गरीब लोग इस अस्पताल का लाभ उठाते रहे।

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राधा स्वामी सत्संग ब्यास चैरिटेबल अस्पताल पिछले 24 सालों से क्षेत्र की 25 ग्राम पंचायतों के लोगों को सस्ती चिकित्सा सेवाएं प्रदान कर रहा था, अब बंद होने के कगार पर है। अस्पताल को पहली दिसंबर से बंद करने के नोटिस दिए जाने के बाद, स्थानीय लोग बुरी तरह से नाराज हो गए हैं और विरोध में चक्का जाम और  धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।

अस्पताल को बंद करने की क्या है वजह

इस अस्पताल के बंद होने का मुख्य कारण जीएसटी बकाया है, जो कई सालों से अस्पताल पर पड़ा हुआ है। जीएसटी के कारण अस्पताल की जमीन राधा स्वामी सोसाइटी के पास हस्तांतरित नहीं हो पाई है, जिसके कारण अस्पताल का अपग्रेडेशन भी रुका हुआ है। यह स्थिति अस्पताल की सेवा को प्रभावित कर रही है, और लोगों को मुफ्त इलाज की सुविधा से वंचित कर रही है।

इस मुद्दे पर सीएम सुक्खू ने दिया ये आश्वासन

इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही भूमि हस्तांतरण के मामले में लैड सीलिंग एक्ट में संशोधन किया जाएगा, ताकि अस्पताल की जमीन हस्तांतरित हो सके और अस्पताल का अपग्रेडेशन संभव हो सके। इसके बावजूद, बुधवार को भी भोटा अस्पताल के बंद होने के खिलाफ स्थानीय लोग सड़कों पर उतरकर विरोध कर रहे थे। इस विरोध में भाजपा विधायक भी शामिल हुए और उन्होंने जनता के साथ समर्थन जताया। इस स्थिति ने सरकार को घेर लिया है और विरोध बढ़ता जा रहा है, जिससे सीएम सुक्खू के लिए यह एक बड़ी चुनौती बन गई है।