India News (इंडिया न्यूज) himchal news: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने नियम 67 के तहत सदन में काम रोको प्रस्ताव लाकर भ्रष्टाचार पर चर्चा की मांग की। उन्होंने इसे विडंबना बताते हुए कहा, कि भ्रष्टाचार पर चर्चा की मांग करने वाले विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर खुद सदन में उपस्थित नहीं थे। यह भाजपा की गंभीरता को दर्शाता है।

साथ ही उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर दोपहर 3:00 बजे तक सदन में नहीं आए। इससे स्पष्ट होता है कि भाजपा का मकसद केवल सदन की कार्यवाही को बाधित करना और चर्चा से बचकर रैली में भाग लेना था।मुख्यमंत्री ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा, भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाने वाले भाजपा विधायकों के पास कोई ठोस तथ्य नहीं थे। उन्होंने सिर्फ आरोप लगाने की मंशा से यह मुद्दा उठाया। जब हमने चर्चा स्वीकार की, तो उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं था। यह भाजपा की असल मंशा को उजागर करता है।

सीएम सुक्खू ने पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और वर्तमान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “जब डॉ. बिंदल स्वास्थ्य मंत्री थे, तो उनके कार्यकाल में पीपीई किट घोटाला हुआ था। इस वजह से उन्हें अपने पद से हटना पड़ा। अब वही व्यक्ति भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बनकर भ्रष्टाचार के खिलाफ रैली कर रहे हैं। यह भाजपा की दोहरी नीति और आंतरिक विरोधाभास को दर्शाता है।

सीएम सुक्खू ने कहा कि भाजपा पांच गुटों में बंटी हुई है, और उनकी आंतरिक कलह अब सभी के सामने आ चुकी है। उन्होंने कहा, “भाजपा के नेताओं के बीच समन्वय की कमी है। वे खुद भी एकजुट नहीं हैं और सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति कर रहे हैं। यह भाजपा के नेतृत्व की कमजोरी को दर्शाता है।”मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार के मुद्दे पर खुली चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, “हमने विपक्ष की मांग को स्वीकार किया, लेकिन उनके पास कोई तथ्यात्मक प्रमाण नहीं थे। भाजपा का उद्देश्य केवल सदन को बाधित करना और जनता को भ्रमित करना है।”भ्रष्टाचार के मुद्दे को तथ्य के साथ कल सरकार उठाएगी।

अमित शाह के बयान के बाद पूरे विपक्ष को लगी मिर्ची, ममता की पार्टी ने गृह मंत्री के खिलाफ उठाया ये कदम, पूरा मामला जान तिलमिला उठेंगे भाजपाई