India News HP (इंडिया न्यूज), Himachal Mosque Controversy: हिमाचल प्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी छोटी काशी के नाम से मशहूर मंडी की गलियों में मंगलवार को  ‘बटेंगे तो कटेंगे’ के नारे जमकर गूंजे। छोटी काशी संघर्ष समिति के बैनर तले खसरा नंबर 1280 को मुक्त कराने के लिए सड़कों पर रैली निकाली गई। इससे जेल रोड मस्जिद मामले में नया मोड़ आ गया है। अभी तक विभिन्न हिंदू संगठन जेल रोड मस्जिद के अवैध निर्माण के खिलाफ आवाज उठा रहे थे। राजस्व रिकॉर्ड में मस्जिद के साथ लगते खसरा नंबर 1280 की 154.75 वर्ग मीटर जमीन पर मंदिर दर्ज होने की सूचना मिलने के बाद अब इसे मुक्त कराने का बिगुल बजा दिया गया है।

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भड़काऊ भाषण पर नोटिस जारी

हालांकि मामला अभी भी प्रधान सचिव टीसीपी की अदालत में विचाराधीन है। समिति के प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस प्रशासन की ओर से 100 से अधिक जवान व अधिकारी तैनात किए गए थे। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे गोपाल कपूर को पुलिस प्रशासन ने सुबह ही नोटिस दे दिया था कि वह भड़काऊ भाषण नहीं देंगे। प्रदर्शन में हिंदू जागरण मंच के पूर्व प्रदेश महासचिव कमल गौतम समेत कई संगठनों के पदाधिकारी शामिल हुए। गोपाल कपूर, यति सत्यदेवानंद सरस्वती व कमल गौतम ने यहां सभा को संबोधित किया।
सभी ने खसरा नंबर 1280 में शिवालय होने का दावा करते हुए इसे मुक्त करवाने के लिए बड़ा आंदोलन छेड़ने की बात कही और सरकार व प्रशासन को चेतावनी दी। इसके बाद ‘अगर बटेंगे तो कट जाएंगे’ के नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारी मोती बाजार, बालकरूपी मंदिर से होते हुए मुख्य डाकघर की ओर बढ़े और चौहाटा में रैली समाप्त की। इसके बाद ‘अगर बांटेंगे तो कट जाएंगे’ के नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारी मोती बाजार, बालकरूपी मंदिर से होते हुए मुख्य डाकघर की ओर बढ़े और चौहाटा में रैली समाप्त की।

मस्जिद विवाद मामला क्या था?

आरोप है कि मुस्लिम पक्ष ने जेल रोड मस्जिद में अवैध रूप से दो मंजिल का निर्माण कर लिया था। 13 सितंबर को नगर आयुक्त न्यायालय ने अपने फैसले में मुस्लिम पक्ष को 30 दिन के भीतर पुरानी यथास्थिति बहाल करने का आदेश दिया था। फैसले की प्रति 17 सितंबर को मिली थी। 13 सितंबर को शहर में विभिन्न हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन किया था। पुलिस ने सकोड़ी चौक पर मस्जिद की ओर बढ़ रहे प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछार की थी।

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