India News (इंडिया न्यूज), Himachal News: हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के नादौन में स्थित लमलेश्वर शिव मंदिर अपनी चमत्कारी स्वयंभू शिवलिंग के लिए प्रसिद्ध है। इस मंदिर में स्थित शिवलिंग हर चार साल में एक तिल के बराबर बढ़ता है, और वर्तमान में इसका आकार 9 फीट तक पहुंच चुका है। यह अद्भुत घटना श्रद्धालुओं को अचंभित करती है, और मंदिर में दर्शन के लिए हजारों लोग पहुंचते हैं।

Land For Job Scam: लालू-तेजस्वी को दिल्ली कोर्ट से बड़ा झटका, जमीन के बदले नौकरी मामले में 11 मार्च को पेश होने का आदेश

क्या है इस मंदिर की कहानी

लमलेश्वर मंदिर की स्थापना लगभग 400 वर्ष पहले कटोच वंश के राजा द्वारा की गई थी। कहा जाता है कि एक रात राजा को स्वप्न में भगवान शिव ने यह संकेत दिया कि व्यास नदी के किनारे एक शिवलिंग है। इसके बाद, राजा ने अपने सैनिकों को नदी के किनारे भेजा, जहां उन्हें शिवलिंग मिला। तत्पश्चात, राजा ने उस शिवलिंग को उठाकर नादौन में स्थापित किया और मंदिर का निर्माण करवाया।

इस मंदिर की एक महत्वपूर्ण मान्यता है कि यदि कोई भक्त 43 दिनों तक सच्चे मन से शिवलिंग की पूजा करता है, तो उसकी मनोकामना अवश्य पूरी होती है। इस मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं का विश्वास और श्रद्धा इस चमत्कारी शिवलिंग पर अडिग है।

पुजारी राकेश शर्मा ने बताया

लमलेश्वर शिव मंदिर के पुजारी राकेश शर्मा बताते हैं कि शिवलिंग का आकार हर चार साल में एक तिल जितना बढ़ता है, और यह प्रक्रिया लगातार जारी रहती है। श्रद्धालु विश्वास करते हैं कि यहां पूजा करने से उनकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। आज भी, इस मंदिर में हर दिन हजारों श्रद्धालु आते हैं और शिवलिंग के सामने श्रद्धा से नतमस्तक होते हैं। लमलेश्वर मंदिर, अपने चमत्कारी शिवलिंग और ऐतिहासिक महत्व के कारण हिमाचल प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थल के रूप में प्रसिद्ध है।

Pappu Yadav: ‘कांग्रेस ऊंट.. हम गिलहरी..’, कांग्रेस पर ऐसा क्यों बोल गए पप्पू यादव? बागेश्वर बाबा पर भी की टिप्पणी