India News HP (इंडिया न्यूज़), Himachal News: हिमाचल प्रदेश में ट्राउट मछली के प्रजनन को बढ़ावा देने और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए चार महीने के लिए ट्राउट मछली पकड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। यह प्रतिबंध 1 नवंबर 2024 से 28 फरवरी 2025 तक प्रभावी रहेगा। इस दौरान, मत्स्य विभाग ने ट्राउट जल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष व्यवस्था की है, जिसमें निगरानी बल की तैनाती और विभागीय कर्मचारियों की छुट्टियों का रद्द होना शामिल है।
क्यों लगाई गई है रोक
यह प्रतिबंध प्रदेश के लगभग 600 किलोमीटर लंबे प्रमुख नदियों और उनकी सहायक नदियों पर लागू है, जिनमें पब्बर, ब्यास, पार्वती, गडसा, उहल और भांडल नदियाँ शामिल हैं। पिछले वर्ष, विभाग के ट्राउट फार्मों ने 1.55 मिलियन ट्राउट बीज का उत्पादन किया था, जबकि निजी ट्राउट किसानों ने 1,388.50 मीट्रिक टन ट्राउट मछली का उत्पादन किया, जिसका बाजार मूल्य 76.36 करोड़ रुपये था।
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निदेशक विवेक चंदेल ने दी ये जानकारी
मत्स्य निदेशालय के निदेशक विवेक चंदेल ने बताया कि यह प्रतिबंध ट्राउट मछली के प्राकृतिक प्रजनन काल के दौरान संरक्षण के लिए आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि पर्यटकों और मछली पकड़ने के शौकीनों को इस प्रतिबंध के बारे में जागरूक किया जा रहा है ताकि अनजाने में मछली पकड़ने की घटना न हो सके।
विवेक चंदेल ने स्पष्ट किया कि ट्राउट बिक्री पर कोई प्रतिबंध नहीं है और यदि कोई इस प्रतिबंध का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस कदम से राज्य में ट्राउट मछली उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण सुनिश्चित होगा
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