India News (इंडिया न्यूज), Himachal News: आईजीएमसी अस्पताल के ठेकेदारों और प्रबंधन के खिलाफ बुधवार को आईजीएमसी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन ने भारी विरोध प्रदर्शन किया। यूनियन के बैनर तले सफाई कर्मी, वार्ड अटेंडेंट, ईसीजी, मैस और पैरामेडिकल स्टाफ सहित लगभग डेढ़ सौ कर्मचारियों ने दो महीने से वेतन न मिलने पर गुस्से का इज़हार किया। प्रदर्शनकारियों ने आईजीएमसी मुख्य गेट के पास विराट धरना दिया, जिसमें अस्पताल के सैंकड़ों कर्मी भी शामिल हुए।

आईजीएमसी प्रबंधन और ठेकेदारों पर लगाए आरोप

मजदूरों ने आईजीएमसी प्रबंधन और ठेकेदारों पर गंभीर आरोप लगाते हुए उनकी निंदा की और तत्काल वेतन भुगतान की मांग की। यूनियन ने चेतावनी दी कि अगर 23 दिसंबर तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो वे निर्णायक आंदोलन करेंगे। इस आंदोलन में हड़ताल, धरने-प्रदर्शन, राजभवन व सचिवालय मार्च, महात्मा गांधी प्रतिमा के पास प्रदर्शन और अधिकारियों के घेराव की योजना बनाई गई है।

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सीटू के प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने आरोप लगाया कि आईजीएमसी अस्पताल में श्रमिकों का भयंकर शोषण हो रहा है। उन्होंने बताया कि 150 से अधिक कर्मचारियों को दो महीने से वेतन नहीं दिया गया और उन्हें अतिरिक्त कार्य के बदले कोई भुगतान नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा, श्रमिकों को न्यूनतम वेतन, ईपीएफ, ईएसआई, छुट्टियां और अन्य श्रम कानूनों का उल्लंघन किया जा रहा है।

अस्पताल प्रबंधन पर लगाया आरोप

मजदूरों ने यह भी आरोप लगाया कि अस्पताल प्रबंधन ने न्यायालय में हलफनामा दायर कर इन श्रमिकों की नियुक्ति और वेतन देने से पल्ला झाड़ लिया है। यूनियन ने आईजीएमसी प्रबंधन से पूछा कि कोविड-19 महामारी के दौरान योद्धाओं के साथ ऐसा भेदभाव क्यों किया जा रहा है। यदि प्रशासन ने उनके अधिकारों का उल्लंघन जारी रखा, तो यह आंदोलन तेज हो जाएगा।

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