India News HP (इंडिया न्यूज़),Nishad Kumar: पेरिस पैरालंपिक में सिल्वर पदक जीतने वाले निषाद कुमार PM मोदी से हुई मुलाकात को अपने जीवन का सबसे यादगार पल बताते हैं। विशेष बातचीत में निषाद ने कहा कि पहली बार जब PM से मिलने जा रहे थे तो दिल में घबराहट थी। अधिक बोल नहीं पाया था और जल्दी माइक किसी और को दे दिया, लेकिन पेरिस ओलंपिक के बाद पहले से अधिक आत्मविश्वास रहा। मैंने PM का आभार प्रकट किया और उन्हें अपने स्पाइक्स देते हुए बताया कि सर… आपके लिए छोटा सा उपहार लाया हूं। इस पर PM मोदी ने मुस्करा कहा कि अरे इसके नीचे तो नेल्स (कील) लगे हैं। मैंने कहा …सर मैंने बहुत लंबे समय से इस दिन का इंतजार किया।

धावक उसेन बोल्ट से प्रभावित रहे

निषाद कुमार ने बताया कि कुछ बातें वह भूलकर भी नहीं भूलते। बचपन में लोग कहा करते थे दिव्यांग है तो किसी सरकारी महकमे में चपरासी की नौकरी तो इनको मिल ही जाएगी। जब अपने लिए लोगों के मुंह से यह बात सुनता था, तो गहरी सोच में पड़ जाता था कि लोग आखिर ऐसा क्यों बोलते हैं। पुराना किस्सा सुनाते हुए बताया कि एक बार वह बैंक में खाता खुलवाने अपनी मां के साथ गए। वहां एक दिव्यांग कर्मचारी को देखा। उस पर मां ने कहा कि इसे सरकार ने नौकरी दी है। अंदर कंप्यूटर पर बैठे कर्मचारी को देखकर मां ने मुझसे सवाल किया कि क्या तू यह कंप्यूटर चला पाएगा । निषाद ने कहा कि हमारा 1 कमरे का मकान था, जिसमें फर्श नहीं था। पिता जब दिहाड़ी कमाकर रुपये लाते थे, तो अलमारी में कपड़े में लपेटकर छुपाकर रखते थे। शुरुआत में वह जमैका के धावक उसेन बोल्ट से प्रभावित रहे है

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