India News HP (इंडिया न्यूज़), Parwanoo Shimla Fourlane: शिमला वासियों के लिए खुशखबरी है। जल्द ही परवाणू-शिमला फोरलेन पर कंडाघाट में निर्माणाधीन सुरंग के दोनों छोर दिसंबर में मिल जाएंगे। जिसके बाद यहां पर जाम की समस्या कम हो जाएगी। निर्माणाधीन सुरंग में फिनिशिंग का काम शुरू होगा। काम पूरा होने के बाद अगले साल जुलाई में सुरंग से वाहन गुजरने लगेंगे। इसके लिए कंपनी तेजी से काम कर रही है। दोनों छोर को जोड़ने के लिए कुछ मीटर का ही काम बचा है। एक तरफ सुरंग का काम लगभग पूरा हो चुका है। साथ ही सुरंग में जाने के लिए फ्लाईओवर का भी निर्माण किया जा रहा है। सुरंग बनने के बाद आधा किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी। इससे वाहन जल्द शिमला पहुंच सकेंगे। अभी तक वाहन कंडाघाट बाजार से होकर आवाजाही करते हैं। इस कारण कंडाघाट में जाम की समस्या भी रहती है। सुरंग बनने के बाद जाम की समस्या से निजात मिलेगी। सुरंग निर्माण को लेकर इमरजेंसी का भी ध्यान रखा गया है। सुरंग के अंदर किसी भी तरह की हलचल का आसानी से पता लगाया जा सकेगा। कर्मचारियों को टेलीफोन, वॉकी-टॉकी भी दिए गए हैं। साथ ही एंबुलेंस और पैरामेडिकल स्टाफ भी तैनात किया गया है। सुरंग में ऑक्सीजन के लिए एग्जॉस्ट भी लगाए गए हैं।
667 मीटर लंबी सुरंग का निर्माण किया जा रहा है
चंबाघाट और कैथलीघाट के बीच फोरलेन का निर्माण किया जा रहा है। फोरलेन पर कंडाघाट में 667 मीटर की दूसरी सुरंग बनाई जा रही है। सुरंग का काम दोनों छोर से किया जा रहा है। पहले छोर पर 460 मीटर काम पूरा हो चुका है। जबकि दूसरे छोर यानी फ्लाईओवर की तरफ से निर्माण चल रहा है। छह महीने पहले सुरंग के दूसरे हिस्से में पानी की टंकी आड़े आ गई थी। इस वजह से भी कुछ समय के लिए काम रोक दिया गया था। अब 207 मीटर सुरंग निर्माण का काम चल रहा है। इसमें से भी 136 मीटर काम पूरा हो चुका है।
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कंडाघाट में सुरंग के पी2 पोर्टल का काम पूरा हो चुका है। पी1 पोर्टल पर काम चल रहा है। सुरंग का ब्रेकथ्रू दिसंबर में होगा। इसके बाद अन्य काम पूरे होने के बाद जुलाई 2025 तक सुरंग को वाहनों के लिए खोलने का लक्ष्य है। -ई. दीपक कुमार, महाप्रबंधक, आरिफ कंपनी
कंडाघाट में नियमानुसार सुरंग बनाई जा रही है। इसका निरीक्षण किया जा रहा है। दिसंबर में कंपनी सुरंग के दोनों छोर को जोड़ेगी। इसके बाद जब फिनिशिंग व अन्य कार्य पूरे हो जाएंगे तो वाहन चालकों को सुविधाएं दी जाएंगी। – ई. आनंद दहिया, परियोजना निदेशक, एनएचएआई, शिमला
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