India News (इंडिया न्यूज), Himachal News: हिमाचल प्रदेश की राजनीति इस समय उफान पर है। भाजपा विधायकों ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए विधायक प्राथमिकता बैठक का बहिष्कार कर दिया। लगातार दो दिनों तक जिलावार बैठकें हुईं, लेकिन बीजेपी विधायकों ने इसमें हिस्सा नहीं लिया। इस बीच, राज्य में SMC शिक्षकों के नियमितीकरण का मुद्दा फिर से जोर पकड़ चुका है।
SMC शिक्षकों ने दी आंदोलन की चेतावनी
हिमाचल प्रदेश के SMC अध्यापक संघ के अध्यक्ष सुनील शर्मा ने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द ही नियमितीकरण को लेकर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया तो शिक्षकों को मजबूरन कक्षाओं का बहिष्कार करना पड़ेगा। उन्होंने साफ कहा कि इसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
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सुनील शर्मा ने बताया कि 7 मार्च 2024 को राज्य कैबिनेट ने LDR (लिमिटेड डायरेक्ट भर्ती) के माध्यम से SMC शिक्षकों के नियमितीकरण को स्वीकृति दी थी। लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जिससे शिक्षकों में भारी रोष है।
आरपार की लड़ाई का ऐलान
शिमला में आयोजित एक पत्रकारवार्ता के दौरान सुनील शर्मा ने कांग्रेस सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले कांग्रेस ने SMC शिक्षकों को नियमित करने के वादे किए थे, लेकिन सत्ता में आने के बाद सरकार अपने वादों से पीछे हट गई है।
उन्होंने कहा कि शिक्षकों ने अब आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया है। मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से कई बार मुलाकात करने के बावजूद कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया। अगर सरकार जल्द ही शिक्षकों की मांगें पूरी नहीं करती, तो वे आंदोलन की राह अपनाएंगे।
बड़ा आंदोलन करने की तैयारी
सुनील शर्मा ने कहा कि अगर सरकार ने जल्द ही कोई निर्णय नहीं लिया, तो SMC शिक्षक बड़ा आंदोलन करेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि चाहे उन्हें धरना देना पड़े, लाठियां खानी पड़ें या जेल जाना पड़े, वे पीछे नहीं हटेंगे। अब देखना यह होगा कि सरकार इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाती है और शिक्षकों की मांगों को कब तक पूरा किया जाता है।