India News (इंडिया न्यूज), World Cancer Day: :धूम्रपान फेफड़ों के कैंसर का मुख्य कारण है। 1 अध्ययन के अनुसार 80 फीसदी मामलों में फेफड़ों के कैंसर का यही कारण सामने आया। डॉक्टरों के अनुसार धूम्रपान में मौजूद हानिकारक रसायन जैसे कि टार, निकोटिन, और कार्बन मोनोक्साइड व्यक्ति के फेफड़े की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं और कैंसर के विकास को बढ़ावा को देते हैं। रेडियोथैरेपी विभाग के असिस्टेंट प्रो. डॉ. ललित चंद्रकांत ने कहा कि महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में यह बीमारी ज्यादा होती है।
मरीज की जान पर खतरा कम हो रहा है
आपको बता दें कि IGMC के कैंसर अस्पताल में हर साल 2400 से 2600 नए रोगी उपचार के लिए आते हैं। इनमें सबसे ज्यादा फेफड़ों के कैंसर की बीमारी वाले मरीजों की संख्या होती है। 2019 से लेकर 2024 तक 2,359 फेफड़ों के कैंसर रोगियों की पहचान हुई है। यह सभी रोगी 55 से लेकर 75 आयु वर्ग के हैं। डॉक्टरों का बड़ा दावा है कि पहले के मुकाबले अब मरीजों के जागरूक होने और समय पर उन्नत इमेजिंग तकनीक की वजह से बीमारियां पकड़ना आसान हो गई हैं। सीटी स्कैन और एमआरआई की सहायता से इस बीमारी की पहचान आसान हो गई है। बीमारी का पहले स्टेज में पता लगने से इसका उपचार जल्दी शुरू हो रहा है। जिससे कि मरीज की जान पर खतरा कम हो रहा है।
मौत तक हो जाती है
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि IGMC के कैंसर अस्पताल पूर्व में 60 से 70 फीसदी मरीज चौथी स्टेज में उपचार के लिए आते थे। अब केवल 20 से 30 फीसदी मरीज ही चौथी स्टेज में इलाज के लिए आते हैं। अब कैंसर का पता ज्यादा जल्दी और सटीक रूप से लगाया जा रहा है। हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि इस बीमारी के सावधानी न बरतने से मरीज की मौत तक हो जाती है।