India News (इंडिया न्यूज) Shimla News: हिमाचल प्रदेश में होटल, ढाबों, रेहड़ी-पटरी वालों के लिए विशेष जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। उपायुक्त ने बताया कि एनएच के शोघी से नारकंडा तक के क्षेत्र को 10 जनवरी 2025 तक के लिए चयनित किया गया है।
पर्यटन स्थलों में विशेष जागरूकता अभियान
सार्वजनिक स्थानों पर दुकानों, होटलों, रेस्टोरेंट और रेहड़ी-पटरी वालों से खाद्य पदार्थों के सैंपल लिए जाएंगे। यहां प्राथमिकता में स्कूल, अस्पताल, पीजी, हॉस्टल, आंगनबाड़ी केंद्र शामिल हैं। दरअसल, जिला प्रशासन शिमला के लोगों और पर्यटकों को गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहा है। इसके लिए समय-समय पर कई कदम उठाए जा रहे हैं। पर्यटन सीजन शुरू होते ही शिमला शहर और आसपास के पर्यटन स्थलों में विशेष जागरूकता अभियान शुरू करने का निर्णय लिया गया है। उक्त निर्णय भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण अधिनियम 2006 के अंतर्गत जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक में लिया गया। बैठक की अध्यक्षता उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप ने की।
2 असुरक्षित और 2 खराब गुणवत्ता..
अगर कोई वस्तु मानकों पर खरी नहीं उतरती है तो उसे किसी भी सूरत में लोगों को वितरित नहीं किया जाएगा। खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने एक जनवरी 2024 से सात दिसंबर 2024 तक शिमला जिला में 2499 पंजीकरण और 289 लाइसेंस जारी किए। इसके अलावा सात जागरूकता शिविर भी आयोजित किए गए हैं। शिमला नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में 415 पंजीकरण और 534 लाइसेंस जारी किए गए हैं। स्ट्रीट फूड को लेकर 300 रेहड़ी-पटरी वालों को प्रशिक्षित किया गया है। अब तक 86 नमूने लिए गए हैं, जिनमें से 2 असुरक्षित और 2 खराब गुणवत्ता के पाए गए। इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त अभिषेक वर्मा, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी कानून एवं व्यवस्था अजीत भारद्वाज, एसी टू डीसी गोपाल चंद शर्मा, मनोनीत सदस्य महेंद्र सेठ, कवलजीत सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।