India News (इंडिया न्यूज)Himachal News: हिमाचल प्रदेश के युवा सड़कों पर उतर आए हैं। सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार की गेस्ट टीच नीति के खिलाफ युवा शिमला की सड़कों पर उतर आए। शिक्षक बेरोजगार संघ के बैनर तले बड़ी संख्या में छात्र शिमला के डीसी कार्यालय में एकत्रित हुए। इसके साथ ही उन्होंने हिमाचल प्रदेश में गेस्ट टीच नीति का विरोध किया।
उन्होंने प्रदेश में आउटसोर्स आधार पर की जा रही भर्तियों और राज्य चयन आयोग की लंबे समय से निष्क्रियता के खिलाफ भी अपना विरोध दर्ज कराया। शिक्षक बेरोजगार संघ ने कहा कि कांग्रेस सरकार उनके साथ वादाखिलाफी कर रही है। हिमाचल प्रदेश शिक्षक बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बाल कृष्ण ठाकुर ने कहा कि सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने बड़े-बड़े वादे किए थे। अब सरकार युवाओं के साथ वादाखिलाफी कर रही है। जहां एक तरफ युवाओं को रोजगार देने की जिम्मेदारी सरकार के कंधों पर है, वहीं दूसरी तरफ सरकार इस जिम्मेदारी से पीछे हट रही है। युवा लाइब्रेरी में पढ़ते-पढ़ते बुढ़ापे की ओर बढ़ रहे हैं, लेकिन उन्हें रोजगार नहीं मिल रहा है। कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले जो वादा किया था, सत्ता में आने के बाद कांग्रेस को उसे पूरा करना चाहिए। उन्होंने मांग उठाई है कि युवाओं को स्थायी रोजगार दिया जाना चाहिए।
बाल कृष्ण ठाकुर ने कहा कि 19 दिसंबर को अध्यापक बेरोजगार संघ धर्मशाला में विधानसभा का घेराव करेगा। इसके बाद सचिवालय घेरने की भी तैयारी है। मुख्यमंत्री जहां भी जाएंगे, युवा उन्हें काले झंडे दिखाएंगे। उन्होंने सरकार से मांग की है कि बेरोजगार युवाओं की मांगों को जल्द से जल्द पूरा किया जाए और प्रदेश सरकार स्थायी भर्तियों पर ध्यान केंद्रित करे। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से डीसी कार्यालय में प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने पहुंचे कृष्ण प्रताप सिंगटा ने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं के साथ धोखा कर रही है। सिंगटा ने कहा कि युवा प्रदेश सरकार के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन उन्हें वह नहीं मिल रहा है जिसकी उम्मीद वे लंबे समय से सरकार से कर रहे हैं। कांग्रेस सरकार दावा कर रही है कि दो साल में 31 हजार युवाओं को रोजगार दिया गया है, जबकि हकीकत यह नहीं है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के युवा खेतों में काम करके कमा सकते हैं, लेकिन सरकारी नौकरी स्थायित्व और सुरक्षा प्रदान करती है। प्रदेश सरकार इसके पक्ष में नहीं दिखती। ऐसे में भी हम सरकार से मांग कर रहे हैं कि युवाओं की मांगों को पूरा किया जाए। अन्यथा आने वाले समय में युवाओं को बड़े आंदोलन की ओर अग्रसर होना पड़ेगा।