India news Chirag paswan statement: लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष और लोकसभा सांसद चिराग पासवान ने अपने चाचा को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। पासवान ने हाजीपुर लोकसभा सीट से अपनी मां रीना पासवान को चुनाव लड़ाने की इच्छा जाहिर की है। जहां उनके पिता रामविलास पासवान सांसद थे।रविवार को चिराग पासवान ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा था कि वे जमुई से चुनाव लड़ेंगे और मां को हाजीपुर से चुनाव लड़ाना चाहते हैं। बता दें कि चिराग पासवान वर्तमान में जमुई लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं।रविवार को मीडिया से बात करते हुए चिराग ने बताया कि, वे जमुई से चुनाव लड़ेगे और अपनी मां को हाजीपुर से लड़ांना चाहता हूं, क्योंकि मेरे पिता के बाद अगर किसी का अधिकार है तो वह मेरी मां है। चिराग पासवान की इस बयान से परिवार में नया विवाद हो सकता है।

चाचा भतीजे में पहले से है विवाद

चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति कुमार पारस के साथ कई बार विवाद खुलकर सामने आते रहते है। वर्तमान में पारस हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र के वर्तमान सांसद हैं। और मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री है। रामविसाल पासवान की मृत्यु के बाद परिवार में मनमुटाव हो जाने के कारण लोक जनशक्ति पार्टी दो धड़े में बट गयी एक के नेता चिराग पासवान तो दूसरे के नेता रामविसाल पासवान के छोटे भाई पाशुपति कुमार पारस है। पारस लागातार दावा करते आ रहे है कि वह अपने बड़े भाई के आदेश पर ही 2019 में हाजीपुर से चुनाव लड़े थे और बड़े भाई के बाद मेरा अधिकार बनता है। बता दें कि रामविलास पासवान ने 2019 में लोकसभा का चुनाव नही लड़कर अपने छोटे भाई पारस को लड़ाया था।

1977 में पहली बार हाजीपुर से सांसद बने रामविलास पासवान

साल 1977 में रामविलास पासवान पहली बार हाजीपुर से जनता पार्टी के टीकट पर लोकसभा सांसद बने थे। 1977 से लेकर 2014 तक वे कई बार हाजीपुर का नेतृत्व लोकसभा में किए। 1977 से लेकर 2014 तक मात्र उन्हे 2 बार ही हार मिली थी। पहली बार 1984 में और दूसरी बार 2009 में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री रामसुंदर दास ने हराया था। 1977 से लेकर 2014 तक हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र पर पासवान परिवार की कब्जा है। मात्र 10 साल को छोड़ दिया जाए तो रामविसाल पासवान 30 वर्षों से ज्यादा तक सांसद रहे हैं।