India News (इंडिया न्यूज), Most Expensive Share In India : अगर आपने शेयर मार्केट में अभी कदम रखा है, और आपको इस बारे में जानकारी नहीं है कि भारत का सबसे महंगा शेयर कौन सा है? तो हमारी ये खबर आपके काफी काम आने वाली है। अगर हम देश के सबसे महंगे शेयर की बात करें तो इसमें सबसे ऊपर एमआरएफ का शेयर हैं। जी हां आपने सही पड़ा, लोगों को ये लगता है कि इसमें सबसे ज्यादा रिलायंस, टाटा, अडानी जैसे ब्रांड का शेयर होगा, लेकिन ऐसा नहीं है। एमआरएफ का शेयर सबसे ज्यादा मंहगा है।इसका प्रमुख स्थान मद्रास रबर फैक्ट्री है। अगर हम एमआरएफ के इतिहास की बात करें तो इसकी स्थापना देश की आजादी से पहले साल 1946 में हुई थी। शुरूआती समय में कंपनी खिलौने वाले गुब्बारे बनाती थी। इसके बाद 1960 में रबर टायर बनाना शुरू हुआ। फिलहाल में एमआरएफ भारत की सबसे बड़ी टायर कंपनी है।
जानकारी के लिए बता दें कि एमआरएफ कंपनी ने क्रिकेटर जगत के कई दिग्गज खिलाड़ियों को ब्रांड एंबेसडर बनाया है।इसमें सचिन तेंदुलकर से लेकर विराट कोहली, गौतम गंभीर, संजू सैमसन, शिखर धवन, ब्रायन लारा, स्टीव वॉ और एबी डिविलियर्स जैसे बड़े नाम शामिल हैं। इसके अलावा 75 से ज्यादा देशों में एमआरएफ के टायर निर्यात किये जाते हैं।
1993 में 10 रुपये थी कंपनी के शेयर की कीमत
आज देश के सबसे महंगा शेयर होने का तंमगा एमआरएफ के पास है, लेकिन पहले ऐसा नहीं था। 1993 में कंपनी के शेयर की कीमत सिर्फ 10 रुपये थी।लेकिन आज के समय में शेयर की कीमत 1.30 लाख रुपये है। यानि कि अगर 1993 में किसी ने इस स्टॉक में एक लाख रुपये का निवेश किया होता और उसके शेयर अभी भी अपने पास रखे होते तो आज की तारीख में इस स्टॉक में उसका एक लाख रुपये का निवेश बढ़कर 130 करोड़ रुपये हो गया होता।
लाख तक पहुंचने वाला देश का एक मात्र स्टॉक
एमआरएफ कंपनी के नाम एक और कीर्तिमान शामिल है।कंपनी की स्टॉक लाख का आंकड़ा पार करने वाला देश का पहला और एकमात्र स्टॉक है।इसके अलावा और कोई भी स्टॉक इस आकड़े को पार नहीं कर पाया है। आज के समय में कंपनी के स्टॉक की कीमत 1.5 लाख रुपये से ऊपर पहुंच गई है। वहीं स्टॉक के निचले स्तर की बात करें तो वो 1,07,008 रुपये है। एमआरएफ कंपनी की मार्केट कैप 54,889 करोड़ रुपये है।
स्टॉक के महंगे होने की वजह
असल में कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक कुछ कंपनियां स्टॉक की कीमतें बढ़ने पर उन्हें विभाजित कर देती हैं।बंटवारा करने से शेयर दोहरे शेयरों में विभाजित हो जाते हैं। लेकिन एमआरएफ कंपनी ने ऐसा नहीं किया।लिस्टिंग के बाद कंपनी ने एक बार भी शेयर का बंटवारा नहीं किया है। इसी वजह से उनका स्टॉक इस ऊँचाई तक पहुंच गया है।