India News (इंडिया न्यूज),Rajasthan:राजस्थान के टोंक जिले के समरावता गांव में बुधवार को हुई हिंसा के बाद तनाव का माहौल बना हुआ है। गांव में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। पुलिस की टीमें गांव और आसपास के इलाकों में गश्त कर रही हैं। बुधराव पर विधायक प्रत्याशी नरेश मीना के समर्थकों और पुलिस के बीच जमकर झड़प हुई। आरोप है कि नरेश मीना के समर्थकों ने पुलिस पर पथराव किया। आगजनी हुई। जवाब में पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और करीब 100 राउंड हवा में फायरिंग की। इस बीच उपद्रवियों ने बाइक और कारों को आग के हवाले कर दिया। 100 से ज्यादा दोपहिया और चार पहिया वाहन फूंक दिए गए। पथराव में 12 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। वहीं, पुलिस ने नरेश मीना के 60 समर्थकों को हिरासत में लिया है। इस मामले में नरेश मीना के खिलाफ अब तक नगरकोट थाने में 4 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। हिंसा की इस घटना में कई ग्रामीण भी घायल हुए हैं।
क्या है पूरा मामला
राजस्थान में बुधवार को सात विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ। इनमें से एक देवल उनियारा सीट भी है। नरेश मीना भी यहां से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। इस बीच समरावता गांव में वोटिंग के दौरान नरेश मीना ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ईवीएम पर उनका चुनाव चिन्ह धुंधला है। इस बीच नरेश मीना ने मतदान केंद्र पर एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया। इस पर पुलिस ने नरेश मीना को हिरासत में ले लिया। इस बीच नरेश मीना के समर्थकों ने रात में हंगामा करना शुरू कर दिया। आपको बता दें कि इस चुनाव से पहले नरेश मीना कांग्रेस में थे, लेकिन उन्होंने पार्टी से बगावत कर इस चुनाव में निर्दलीय नामांकन दाखिल किया।
डेढ़ घंटे तक उत्पात
उपद्रवियों ने समरावता गांव में करीब डेढ़ घंटे तक उत्पात मचाया। इसके निशान अभी भी गांव में देखे जा सकते हैं। गांव में जली हुई मोटरसाइकिलें और जीपें और कारें अभी भी मौजूद हैं। इस उत्पात के बाद पुलिस ने 60 लोगों को हिरासत में लिया है। निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीना के खिलाफ नगर फोर्ट थाने में कुल चार मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें पुलिस हिरासत से भागने और ड्यूटी पर मौजूद प्रशासनिक अधिकारी से मारपीट का मामला भी शामिल है। फिलहाल पुलिस नरेश मीना की तलाश कर रही है।
घरों में घुसकर तोड़फोड़
दंगे में कई ग्रामीण और दंगाई भी घायल हुए हैं। घर में रखे वाहनों और भवनों में भी तोड़फोड़ की गई है। बताया जा रहा है कि नरेश मीना ने ग्रामीणों के साथ रातभर धरने पर बैठने की तैयारी कर रखी थी। इसके लिए आसपास के गांवों से लड़के भी बुलाए गए थे।
हिंसा की घटना के बाद पूरे सामरवाता गांव में दहशत का माहौल है। जिस मतदान केंद्र पर धरना चल रहा था, वहां कवरेज के लिए स्थानीय पत्रकार भी मौजूद थे। जब हिंसा भड़की तो पत्रकारों ने मतदान केंद्र में घुसकर अपनी जान बचाई। राजस्थान की सात विधानसभा सीटों दौसा, देवली-उनियारा, झुंझुनू, खींवसर, चौरासी, सलूंबर और रामगढ़ के लिए 13 नवंबर को मतदान हुआ था। चुनाव परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।