India News (इंडिया न्यूज), Look Back 2024: साल 2024 का लोकसभा चुनाव का परिणाम कई मायनों में बेहतर रहा। एक तरफ जहां पिछले दस वर्षों से सत्ता का सुख भोग रही भाजपा पहली बार बहुमत के आंकड़ें से दूर रही तो देश की जनता ने विपक्ष को मजबूत किया है। उत्तरप्रदेश में सपा और कांग्रेस के गठबंधन तथा पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की टीएमसी ने पीएम मोदी के 400 पार के नारों को ध्वस्त कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ने वाली भाजपा को मतदाताओं ने लगातार तीसरी बार भारतीय जनता पार्टी के रूप में एकजुट विपक्ष के खिलाफ समर्थन दिया, लेकिन इतने नियंत्रित तरीके से कि उसे बहुमत के लिए जरूरी 272 सीटों से कुछ दूर छोड़ दिया।
जनता ने पक्ष और विपक्ष दोनों को किया संतुलित
18वीं लोकसभा की संतुलित तस्वीर पेश करते हुए जनता ने 235 सीटों के साथ विपक्षी गठबंधन को ताकत और हिम्मत दी है और पीएम मोदी के नेतृत्व में दस साल तक चली एनडीए सरकार और उसके फैसलों पर भी अपने भरोसे की मुहर लगाई है। हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, भाजपा को 245 सीटों के साथ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को 295 सीटें मिली है और एक बार फिर एनडीए की सरकार बनीं। हालांकि इस बार बीजेपी बहुमत के आंकड़ों से दूर रही और नितीश और चंद्रबाबू नायडू के भरोसे सत्ता में वापसी कर पाई।
एक बार फिर सरकार नहीं बना पाई विपक्षी पार्टियां
18वीं लोकसभा के लिए 543 सीटों पर सात चरणों में हुए चुनाव के नतीजों को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष ने कई दावे किए थे। लेकिन भारत की जनता ने पक्ष और विपक्ष को अपने वोटों से बैलेंस कर दिया। भाजपा 250 और एनडीए 300 का आंकड़ा पार नहीं कर पाई। इसी तरह विपक्ष की उम्मीदें भी 230 के आसपास ही जम गईं और उससे आगे नहीं जा सकीं।
उत्तर प्रदेश में हुआ खेल
80 लोकसभा सीटों वाले उत्तरप्रदेश में सपा और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा था। यहां अखिलेश की रणनीति खास तौर पर कारगर साबित हुई और सपा 37 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और भाजपा 62 से घटकर 33 सीटों पर आ गई। इन नतीजों ने यह भी साफ कर दिया है कि कांग्रेस से सीधे मुकाबले में भाजपा इस बार भी काफी मजबूत साबित हुई।
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पश्चिम बंगाल में ममता ने किया कमाल
मध्य प्रदेश में दशकों बाद भाजपा ने कांग्रेस से छिंदवाड़ा सीट छीनी और 29 सीटें जीतकर क्लीन स्वीप किया। गुजरात और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सिर्फ एक-एक सीट ही जीत सकी, जबकि दिल्ली में न तो कांग्रेस और न ही आम आदमी पार्टी भाजपा को क्लीन स्वीप करने से रोक सकी। लेकिन पश्चिम बंगाल में भाजपा के दिग्गज नेताओं की कैम्पेनिंग और पीएम मोदी का चेहरा सब फींका पड़ गया। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी, तमिलनाडु में डीएमके, पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा की उम्मीदों पर पानी फेरा है।
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