India news Jayant Chaudhary not coming the House:लोकसभा चुनाव 2024 से पहले समाजवादी पार्टी और इंडिया गठबंधन को बड़ा झटका लग सकता है। दरअसल सोमवार को राज्यसभा में दिल्ली अध्यादेश बिल पेश हो रहा था। एनडीए और इंडिया गठबंधन ने अपने-अपने सांसदों के लिए व्हिप जारी किया था। इस दौरान राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद जयंत चौधरी सदन में मौजूद नहीं थे। यह उत्तर प्रदेश में सामाजवादी पार्टी के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है। वहीं देखा जाए तो पूरे विपक्षी एकता के लिए चिंता बढ़ाने वाली बात है। दरअसल जयंत चौधरी उत्तर प्रदेश 2022 के विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी के साथ लड़े थे।और राज्यसभा में भी सपा के सहयोग से सांसद बने थे। जयंत का यह कदम आने वाले चुनाव में विपक्ष के लिए मुसीबत से कम नहीं है।

आरएलडी ने व्यस्ता का हवाला दिया 

दिल्ली सेवा बिल पर वोटिंग के दौरान जयंत चौधरी के सदन में मौजूद नहीं होना राष्ट्रीय राजनीति में चर्चा का विषय बन गई है। आखिर जयंत चौधरी ने ऐसा क्यो किया, यह अपने आप में एक बड़ा प्रश्न है। हालांकी जयंत चौधरी के करीबी,गठबंधन
में आई खटास वाली बात को सीरे से खारिज कर रहे है। उनका कहना है कि जयंत चौधरी किसी जरुरी काम को लेकर व्यस्त थे जिसके कारण वे सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं हो सके।

एनडीए के संम्पर्क में होने का दावा 

कुछ राजनीतिकारों का मानना है कि जयंत चौधरी आने वाले 2024 लोकसभा चुनाव में एनडीए के साथ चुनाव में उत्तर सकते है। यह भी बताया जा रहा है कि जयंत ने भाजपा से 5 लोकसभा सीटों की मांग की है। भाजपा काफी दिनों से चौधरी को एनडीए गठबंधन में शामिल करने की कोशिश कर रही थी। जयंत चौधरी पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के पोते है और वर्तमान में राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष भी है। उनका प्रभाव पश्चिम उत्तर प्रदेश के साथ-साथ हरियाणा और राजस्थान के कुछ इलाके में भी है।