India News (इंडिया न्यूज), Arambagh Medical College Doctors Resignation: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप और मर्डर के विरोध में 6 अक्टूबर से जूनियर डॉक्टर्स अनशन पर बैठे हैं। इस बीच धर्मतला में भूख हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टरों का समर्थन करते हुए आरामबाग मेडिकल के 38 डॉक्टरों ने सामूहिक रूप से अपना इस्तीफा देने की पेशकश की है। इन सभी डॉक्टरों ने अपना इस्तीफा स्वास्थ्य भवन को भेज दिया है। हम आपको बताते चले कि, नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टरों की भूख हड़ताल में 2 और नए डॉक्टरों ने अपनी सहभागिता दे दी है।

इन दो डॉक्टरों में से एक डॉक्टर ने आरोप लगाया कि पुलिस उनके परिवार पर दबाव डालकर हड़ताल खत्म करवाने की कोशिश कर रही है। इस दबाव का जवाब देते हुए उस डॉक्टर ने कहा कि, वो इस दबाव में नहीं आने वाले हैं। इन सबके बीच पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव ने स्थिति रिपोर्ट ईमेल करके डॉक्टरों से भूख हड़ताल वापस लेने का अनुरोध किया है।

कोलकाता हाईकोर्ट ने प्रदर्शनकारियों को दी जमानत

हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, कोलकाता उच्च न्यायालय ने 9 प्रदर्शनकारियों को अंतरिम जमानत दे दी है। इन सभी डॉक्टरों को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था। दरअसल 9 अक्टूबर को दुर्गा पूजा पंडाल के बाहर आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई बलात्कार-हत्या की घटना पर ‘हमें न्याय चाहिए’ के ​​नारे लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में गुरुवार को अलीपुर में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने नौ लोगों को सात दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा था। इस मामले में अदालत न टिपण्णी की थी कि, उनके प्रदर्शन का उद्देश्य नफरत फैलाना, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना या राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होना नहीं था।

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अनशन पर बैठे इतने डॉक्टरों की बिगड़ी तबीयत

हम आपको बताते चले कि, 10 अक्टूबर की रात एक ट्रेनी डॉक्टर अनिकेत महतो की हालत गंभीर हो गई थी, जिसके बाद उन्हें RG कर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हॉस्पिटल के मुताबिक फिलहाल अनिकेत महतो की हालत गंभीर है, लेकिन स्थिर है। उस पर 5 डॉक्टरों की टीम नजर बनाए हुए हैं। इसके अलावा बाकी 6 डॉक्टरों की हालात भी लगातार बिगड़ रही है, लेकिन उन्हें अभी अस्पताल में भर्ती नहीं कराया गया है। एक डॉक्टर ने बताया कि तबीयत बिगड़ने के बावजूद इन्होंने हड़ताल जारी रखने का फैसला लिया है। हालांकि पश्चिम सरकार की तरफ से अनशन वाले स्थल पर एम्बुलेंस की तैनाती करवाई गई है। ताकि अगर किसी डॉक्टर की तबियत बिगड़ती है तो उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया जा सके।

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