India News (इंडिया न्यूज), Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट में चुनावी फंडिंग को चुनौती देने वाले कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को दावा किया कि सीबीआई, ईडी और आयकर विभाग की जांच का सामना कर रही 41 कंपनियों ने चुनावी बांड के जरिए भाजपा को 2,471 करोड़ रुपये दिए। इसमें से 1,698 करोड़ रुपये इन कंपनियों ने केंद्रीय एजेंसियों की छापेमारी के बाद दिए थे। छापेमारी के ठीक तीन महीने बाद 121 करोड़ रुपये दिए गए।

30 कंपनियों ने इतने चुनावी बांड खरीदे

चुनाव आयोग द्वारा चुनावी बांड योजना का नया डेटा सार्वजनिक करने के बाद मीडिया से बात करते हुए वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने यह भी दावा किया कि कम से कम 30 शेल कंपनियों ने 143 करोड़ रुपये से अधिक के चुनावी बांड खरीदे। याचिकाकर्ताओं की ओर से प्रशांत भूषण सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए थे।

चंदे के बदले ठेके लेने का आरोप

उन्होंने कहा कि सरकार से 172 प्रमुख अनुबंध और परियोजना मंजूरी प्राप्त करने वाले 33 समूहों ने चुनावी बांड के माध्यम से भी दान दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि इन समूहों ने बीजेपी को 1,751 करोड़ रुपये का चंदा देकर 3.7 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएं और अनुबंध हासिल किये।

भूषण ने दावा किया कि कम से कम 49 मामलों में, केंद्र या भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकारों द्वारा पोस्टपेड अनुबंध/परियोजना मंजूरी में 62 हजार करोड़ रुपये दिए गए। तीन महीने के अंदर बीजेपी को चुनावी बॉन्ड के तौर पर 580 करोड़ रुपये दिए गए।

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