India News (इंडिया न्यूज़), Institutes of Eminence: भारतीय विश्वविद्यालयों ने विषय के आधार पर नवीनतम क्वाक्वेरेली साइमंड्स विश्व रैंकिंग में महत्वपूर्ण प्रगति की है। बुधवार (10 अप्रैल) को जारी शीर्ष 500 सूची में भारत के 69 संस्थान शामिल हैं। जो पिछले वर्ष मुकाबले 19.4% फीसदी अधिक है। बता दें कि उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों में भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद, बैंगलोर और कलकत्ता में व्यवसाय और प्रबंधन अध्ययन के लिए विश्व स्तर पर शीर्ष 50 में स्थान पर हैं। वहीं जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने भी विकास अध्ययन में अपनी शुरुआत की और विश्व में 20वां स्थान हासिल किया।

क्यूएस की सीईओ ने क्या कहा?

बता दें कि, क्यूएस सीईओ जेसिका टर्नर ने भारत की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लेकर कहा कि भारत के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक समय के साथ बढ़ती शैक्षिक मांग के बावजूद उच्च गुणवत्ता वाली तृतीयक शिक्षा प्रदान करना। जो साल 2035 तक 50 फीसदी तक सकल नामांकन अनुपात होगा। टर्नर ने आगे कहा कि 55 विषय रैंकिंग और पांच व्यापक संकाय क्षेत्रों में भारतीय कार्यक्रमों का बढ़ा हुआ प्रतिनिधित्व कुछ आश्वासन प्रदान करना चाहिए। साथ ही यह दर्शाता है कि भारत के उच्च शिक्षा क्षेत्र को बढ़ाने में अच्छी तरह से विनियमित निजी प्रावधान की सकारात्मक भूमिका हो सकती है।

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एशिया में सिर्फ चीन से पीछे भारत

बता दें कि एशियाई क्षेत्र में भारत विश्वविद्यालयों की संख्या (69) में दूसरे स्थान पर है। जो केवल चीन (101) के बाद रैंक की गई प्रविष्टियों की कुल संख्या (454) में चौथा स्थान रखता है। दरअसल दिल्ली विश्वविद्यालय और कई भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों सहित 12 प्रतिष्ठित संस्थानों (आईओई) ने रैंकिंग में देश की कुल प्रविष्टियों में 40% योगदान दिया और विभिन्न विषयों में शीर्ष 100 में से अधिकांश स्थान हासिल किए। भारत ने अनुसंधान में भी प्रगति दिखाई है, प्रति पेपर उद्धरणों में 20% सुधार और अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान नेटवर्क संकेतक में 16% की वृद्धि हुई है। खैर देश को प्रमुख वैश्विक पत्रिकाओं में उद्धरण सुरक्षित करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। वहीं, क्यूएस के उपाध्यक्ष बेन सॉटर ने कहा कि चुनौतियों के बावजूद भारत निस्संदेह अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक समुदाय में एक दुर्जेय खिलाड़ी बन रहा है।

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