India News (इंडिया न्यूज), Arvind Kejriwal Luxury House: दिल्ली विधानसभा चुनाव नज़दीक आते ही राजनीतिक हलचल तेज़ हो गई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मुख्यमंत्री आवास को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) और उसके राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा है। भाजपा ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए केजरीवाल ने जनता के पैसे का दुरुपयोग कर अपने आवास को ‘7-स्टार शीशमहल’ बना दिया।
भाजपा का आरोप और वीडियो का खुलासा
दिल्ली भाजपा ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक वीडियो जारी किया, जिसमें केजरीवाल के पूर्व मुख्यमंत्री आवास की भव्यता को दिखाया गया। इस वीडियो में बड़े जिम, शानदार बाथरूम और आलीशान कमरों को दिखाया गया है। भाजपा ने दावा किया कि आवास पर मार्बल, ग्रेनाइट और विशेष लाइटिंग के लिए 1.9 करोड़ रुपए खर्च किए गए। इसके अतिरिक्त, सिविल कार्य और इंस्टॉलेशन पर 1.5 करोड़, तथा जिम और स्पा उपकरणों पर 35 लाख रुपए खर्च किए गए। कुल मिलाकर, इन कार्यों पर 3.75 करोड़ रुपए खर्च का आरोप लगाया गया है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने इस वीडियो को भ्रष्टाचार का प्रतीक बताते हुए कहा, “यह बंगला मुख्यमंत्री आवास नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार का म्यूजियम है। इसे जनता के लिए खोलना चाहिए ताकि लोग देख सकें कि आम आदमी का दावा करने वाले केजरीवाल ने कैसे अपनी सुख-सुविधाओं का ध्यान रखा।”
भाजपा ने उठाए सवाल
भाजपा ने इस वीडियो के साथ केजरीवाल के पुराने बयानों पर भी सवाल खड़े किए। पार्टी ने याद दिलाया कि केजरीवाल ने कभी कहा था कि वे गाड़ी और बंगला नहीं लेंगे। भाजपा ने इसे जनता के विश्वास का मज़ाक बताया और चुनौती दी कि केजरीवाल जनता को अपने ‘महल’ में बुलाकर खुद को ईमानदार साबित करें।
आम आदमी पार्टी का पक्ष
भाजपा के आरोपों पर आप ने पहले ही सफाई दी थी कि मुख्यमंत्री आवास जर्जर स्थिति में था और मरम्मत आवश्यक थी। पार्टी ने कहा कि मरम्मत का कार्य सभी नियमों के अनुसार किया गया और इसका उद्देश्य केवल आवास को सुरक्षित और उपयोगी बनाना था। हाल ही में एक इंटरव्यू में केजरीवाल ने स्पष्ट किया कि वे बंगले या शीशमहल से प्रेम नहीं करते। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए मुझे वहां रहना पड़ा। पद छोड़ने के बाद मैंने तुरंत इसे खाली कर दिया।”
राजनीति या हकीकत?
यह पहली बार है जब केजरीवाल के मुख्यमंत्री आवास के भीतर की तस्वीरें सार्वजनिक हुई हैं। भाजपा के इस कदम को चुनावी रणनीति के रूप में देखा जा रहा है, जहां आप की ‘आम आदमी’ छवि पर चोट करने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं, आप समर्थक इसे एक प्रोपेगेंडा के रूप में देख रहे हैं और पार्टी के नेता जांच के नतीजों का इंतजार करने की बात कह रहे हैं।
दिल्ली की राजनीति में यह मुद्दा कितना असर डालता है, यह समय बताएगा। लेकिन यह स्पष्ट है कि चुनावी माहौल में इस विवाद ने आप और भाजपा के बीच टकराव को और बढ़ा दिया है। अब देखना यह होगा कि जनता इस मामले को किस नजरिए से देखती है और इसका प्रभाव किस पार्टी के पक्ष में जाता है।