India News (इंडिया न्यूज़), Aditya L1: स्पेस साइंस में भारत लगातार बुलंदियों को छू रहा है। 23 अगस्त को चंद्रमा के साउथ पोल में चंद्रयान-3 की सफल सॉफ्ट लैंडिंग के बाद भारत ने अपना सफर सूर्य की ओर कर दिया है। अब इस कड़ी में इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेंशन ने शनिवार दोपहर को ब्रह्मांड़ में स्थित हमारे तारा सूर्य को ऑब्जर्व करने के लिए अदित्य एल-1 मिशन सफलता पूर्वक लॉन्च किया और लॉन्चिंग के बाद सैंटरलाइट पृथ्वी की बहारी सतह पर स्थापित हो गई है।
सूर्य मिशन अदित्य एल-1 की सफतापूर्ण लॉन्चिंग के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो को बधाई दी। उन्होंने ट्विट कर लिखा, “चंद्रयान-3 की सफलता के बाद भारत ने अपनी अंतरिक्ष यात्रा जारी रखी है। हमारे वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बधाई इसरो भारत के पहले सौर मिशन, आदित्य -एल1 के सफल प्रक्षेपण के लिए। संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए ब्रह्मांड की बेहतर समझ विकसित करने के लिए हमारे अथक वैज्ञानिक प्रयास जारी रहेंगे।”
वहीं गृहमंत्री अमित शाह ने ट्विट कर लिखा, “हमारे वैज्ञानिकों ने बार-बार अपनी शक्ति और प्रतिभा को साबित किया है। भारत के पहले सौर मिशन, आदित्य एल1 के सफल प्रक्षेपण पर राष्ट्र को गर्व और प्रसन्नता है। टीम को साधुवाद @इसरो इस अद्वितीय उपलब्धि के लिए. यह पीएम को पूरा करने की दिशा में एक बड़ा कदम है @नरेंद्र मोदी अमृत काल के दौरान अंतरिक्ष क्षेत्र में जी का आत्मनिर्भर भारत का सपना।”
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इसरो को बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट में लिखा, ‘शनिवार को 1.4 अरब भारतीयों के लिए यह एक ऐतिहासिक ‘सूर्य दिवस’ है। आज भारत का पहला सौर मिशन आदित्य-एल1, इसरो द्वारा सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया है।’ वह लिखते हैं, मिशन चंद्रयान3 और मंगलयान की अपार सफलता के बाद भारत अब सूर्य की ओर बढ़ रहा है।
पृथ्वी और सूर्य की दूरी का लगभग 1% ही जा पाएंगा Aditya L1
इसरो ने अदित्य एल-1 ऑब्जर्वर को करीब 12:00 बजे आंध्रप्रदेश के श्री हरिकोटा से लॉन्च किया। इसरो का ये पहला सूर्य मिशन है जो लगभग 125 दिनों की अपनी कठिन यात्रा पर निकला है। अदित्य एल-1 पृथ्वी से लगभग 1.5 मिलियन किमी दूर स्थित रहकर सूर्य को निर्देशित करने का काम करेगा। गौरतलब है कि पृथ्वी और सूर्य के बीच स्थित इस पोइंट को L-1 नाम दिया गया है जो पृथ्वी-सूर्य की दूरी का लगभग 1% है।
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